मोदी सरकार नहीं जानती लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर मरे और कितनी नौकरियां गईं – राहुल गांधी News Politics by mpeditor - September 15, 2020September 15, 20200 लॉकडाउन के वक्त पैदल घर लौटने वाले कई प्रवासी मजदूरों की मौतों की खबरें आई थीं।एक एनजीओ का दावा- 24 मार्च से 2 जून के बीच में हादसों में 198 मजदूरों की मौत हुई। लॉकडाउन में मजदूरों की मौत के मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसा है। राहुल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा- ‘मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मजदूर मरे और कितनी नौकरियां गईं। तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई? हां मगर दुख है सरकार पर असर ना हुआ। उनका मरना देखा जमाने ने, एक मोदी सरकार है जिसे खबर ना हुई।’ मोदी सरकार नहीं जानती कि लॉकडाउन में कितने प्रवासी मज़दूर मरे और कितनी नौकरियाँ गयीं।तुमने ना गिना तो क्या मौत ना हुई?हाँ मगर दुख है सरकार पे असर ना हुई,उनका मरना देखा ज़माने ने,एक मोदी सरकार है जिसे ख़बर ना हुई।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 15, 2020 केंद्र सरकार के पास मौत का कोई आँकड़ा नहीं राहुल ने ऐसा इसलिए कहा, क्योंकि केंद्र सरकार का कहना है कि उसे पता नहीं कि लॉकडाउन के दौरान घर लौटते वक्त कितने मजदूरों की मौत हुई। कोरोनाकाल में संसद के पहले सत्र में ही सरकार ने माना कि उसके पास प्रवासी मजदूरों की मौत का कोई आंकड़ा नहीं है। यही नहीं, लॉकडाउन के दौरान कितने मजदूरों का रोजगार छिना, इस पर भी सरकार ने कोई सर्वे नहीं करवाया है। सत्र के पहले दिन सांसदों ने 230 अतारांकित (अनस्टार्ड) प्रश्न पूछे, जिनमें से 31 श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से जुड़े थे, इनमें से 15 प्रश्न कोरोना काल में रोजगार छिनने, प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के दौरान मौत और बेरोजगारी से जुड़े थे। सवाल संख्या-60 में पूछा गया कि लॉकडाउन की वजह से अपने घरों को लौटते समय मजदूरों के हताहत होने की राज्यवार संख्या कितनी है? तो सरकार ने कहा- ऐसे किसी आंकड़े का रिकॉर्ड नहीं रखा जाता। एनजीओ के मुताबिक हादसों में 198 मजदूरों की मौत एनजीओ सेव लाइफ फाउंडेशन के मुताबिक 24 मार्च से 2 जून के बीच में हादसों में 198 मजदूरों की मौत हुई थी। इसके मुताबिक 3 बड़े हादसों में 48 मजदूर मारे गए थे। 16 मई को यूपी के औरेया में ट्रक हादसे में 24 मजदूरों की मौत हो गई थी। 14 मई को मध्य प्रदेश के गुना में ट्रक-बस की टक्कर में 8 मजदूरों की जान चली गई। वहीं 14 मई को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 16 मजदूरों की जान ट्रेन की चपेट में आने की वजह से चली गई थी।