You are here
Home > Politics > भागवत ने वर्तमान चुनौतियों एवं आने वाले समय को ध्यान में रखकर स्वयंसेवकों के साथ संवाद किया।

भागवत ने वर्तमान चुनौतियों एवं आने वाले समय को ध्यान में रखकर स्वयंसेवकों के साथ संवाद किया।

कोरोना वायरस की महामारी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने के कारण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को स्वयंसेवकों से मोहल्ला एवं ग्रामीण शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान किया है, ताकि विद्यार्थियों का नुकसान न हो और कोई शिक्षा से पीछे न छूट जाए। वह यहां ठेंगड़ी भवन में आरएसएस के मध्य भारत और मालवा प्रांतों के प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संवाद कर रहे थे।

बैठक के बाद मध्य भारत प्रान्त के संघचालक सतीश पिंपलीकर ने बताया कि भागवत ने वर्तमान चुनौतियों एवं आने वाले समय को ध्यान में रखकर कार्य करने के लिए मध्यभारत एवं मालवा प्रान्तों के चयनित स्वयंसेवकों के साथ संवाद किया।

उन्होंने कहा कि इस दौरान आरएसएस सरसंघचालक ने कोरोना वायरस संक्रमण एवं लॉकडाउन के दौरान स्वयंसेवकों द्वारा समाज एवं अन्य संस्थाओं को साथ लेकर चलाए गए सेवा कार्यों और संघ की अन्य गतिविधियों की जानकारी ली।

पिंपलीकर ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण शिक्षा प्रभावित न हो, इसके लिए उन्होंने मोहल्ला एवं ग्राम शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान किया है। इस कार्य में समूचे समाज की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है।

उन्होंने कहा कि सरसंघचालकजी ने मोहल्ला एवं ग्रामीण शिक्षा केंद्र संचालित करने का आह्वान स्वयंसेवकों से किया है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है, उस पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। विद्यार्थियों का नुकसान न हो और कोई शिक्षा से पीछे न छूट जाए, इसलिए नगरों में मोहल्ला स्तर एवं प्रत्येक गांव में शिक्षा केंद्र संचालित किये जाने चाहिए। 

पिंपलीकर ने बताया, इसके साथ ही उन्होंने पर्यावरण और कुटुम्ब प्रबोधन जैसे विषयों पर भी कार्य करने के लिए मार्गदर्शन दिया। सरसंघचालक ने स्वयंसेवकों को बताया कि समरसता को लेकर समाज में अनुकूलता बनी है। यह समाज का स्थायी भाव बने, इसके लिए स्वयंसेवकों को प्रयास करना चाहिए। 

Leave a Reply

Top