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MP विधानसभा का मानसून सत्र : कांग्रेस का जमकर हंगामा, शिवराज-कमलनाथ में तीखी बहस

भोपाल- मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को आदिवासी दिवस को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासी विरोधी है, इसलिए आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त को अवकाश घोषित नहीं किया। कांग्रेस विधायकों ने आसंदी के सामने आकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे भी लगाए।

कमलनाथ ने दिवंगत जनप्रतिनिधियों को श्रद्धांजलि देने से पहले कहा कि मैं आदिवासी दिवस पर श्रद्धांजलि देता हूं। इसका सत्ता पक्ष के विधायकों ने विरोध किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों के मामले में भ्रम फैला रही है। कांग्रेस श्रद्धांजलि में भी राजनीति कर रही है। यह शर्मनाक और घटिया है। सरकार ने आदिवासी दिवस पर अवकाश निरस्त नहीं किया है, बल्कि यह ऐच्छिक है।

हंगामे के बाद कांग्रेस का वॉकआउट
सदन में अध्यक्ष गिरीश गौतम जनप्रतिनिधियों के निधन पर बोल रहे थे, तब कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने आ गए। उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए। अध्यक्ष ने विधायकों से कई बार कहा कि वे अपनी सीट पर बैठें। उनकी बात सुनी जाएगी, लेकिन कांग्रेस विधायक नहीं माने। करीब 25 मिनट बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

इससे पहले आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित नहीं किए जाने से नाराज कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने आदिवासियों का अपमान किया है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 9 अगस्त को अवकाश घोषित किया थाl

बाढ़ पर लंबी चर्चा चाहता है विपक्ष

चार दिवसीय मानसून सत्र में ग्वालियर-चंबल संभाग में आई बाढ़ पर चर्चा हो सकती है। विपक्ष चाहता है, आपात स्थिति मानते हुए इस मुद्दे पर बहस के लिए ज्यादा से ज्यादा समय निर्धारित किया जाए। रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में इस पर सहमति बनी कि सदन की कार्यवाही 12 अगस्त तक बिना अवरोध के संचालित हो।

10 हजार करोड़ का हो सकता है अनूपूरक बजट

विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने सत्र की अधिसूचना जारी होने के बाद विधानसभा सचिवालय को 1184 प्रश्नों की सूचना प्राप्त हुई है। 236 ध्यानाकर्षण और 17 स्थगन प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। सदन में लोक महत्व के 8 मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। सत्र के दौरान सरकार की कोशिश मुख्य रूप से विधेयक और अनुपूरक बजट पारित कराने की रहेगी। बताया जा रहा है कि अनुपूरक बजट 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का हो सकता है। सरकार इसमें बाढ़ से हुए नुकसान के प्रारंभिक आकलन के आधार पर राशि का प्रावधान भी कर सकती है।

जहरीली शराब से मौतों का मुद्दा भी उठाएगी कांग्रेस
कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार देर शाम को आयोजित की गई थी। इसमें विधानसभा सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि महंगाई, जहरीली शराब, कानून व्यवस्था जैसे मामलों को कांग्रेस सदन में उठाकर सरकार से जवाब मांगेगी। पूर्व मंत्रियों को मुद्दे उठाने की जिम्मेदारी दी गई है।

बैठक में कमलनाथ ने कहा, सरकार ने विधानसभा का सत्र जानबूझकर कम समय के लिए बुलाया है। सरकार जनहित के मुद्दों पर चर्चा करने से बचना चाहती है, लेकिन सारे मुद्दों को इसी सत्र में उठाएंगे। यदि सरकार ने विपक्ष की बात नहीं सुनी, तो सड़क पर उतरेंगे।

सत्र की अवधि ‘ऊंट के मुंह में जीरा’ के समान: प्रजापति
कांग्रेस ने सरकार से सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने कहा कि इस सत्र की अवधि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। सरकार मुद्दों को लेकर बचना चाहती है। बढ़ती महंगाई, बाढ़ से तबाही, कोरोना के बीच लचर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर विपक्ष की आवाज सदन में न उठ पाए, इसलिए छोटा सत्र बुलाया गया है। सरकार डरकर बचते हुए निकलना चाहती है।

कांग्रेस का काम सुर्खियां बटोरना
बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि मानसून सत्र छोटा ही होता है। कांग्रेस के पास सड़क पर समर्थन नहीं, तो विधानसभा में मीडिया की मौजूदगी में हल्ला करके सुर्खियां बटोरना चाहती है। विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने के लिए सरकार तैयार है।

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