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सांसद प्रज्ञासिंह ठाकुर का बयान संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ
और तालिवानी चरित्र का परिचायक: दीप्ति सिंह

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीप्ति सिंह ने फिल्म पठान को लेकर भोपाल से निर्वाचित भाजपा सांसद प्रज्ञासिंह ठाकुर के उस बयान को जिसमें उन्होंने ‘‘भगवा का अपमान करने पर मुंह-हाथ तोड़कर हाथ में दे देंगे’’ को संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ और तालिवानी चरित्र का परिचायक बताया है। उन्होंने कहा कि अपने ही साथी संघ प्रचारक सुनील जोशी की हत्या की आरोपित रहीं एक आपराधिक प्रवृति और विध्वंस में विश्वास रखने वाली सांसद से इसी तरह की अपेक्षा की जा सकती है।


दीप्ति सिंह ने कहा कि सनातन धर्म में देवी-देवता की पूजा को लेकर कई विधि-विधान और रंगों का उपयोग बताया गया है। जिसमें लाल, पीला, सफेद हरा रंग और उनके प्रभाव भी उल्लेखित किये गये हैं, जिसमें भगवा रंग का धार्मिक उपयोग कहीं भी नहीं है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लाल रंग शुभता, सौभाग्य, साहस, उमंग और उन्नति का प्रतीक माना जाता है। दीप्ति सिंह ने कहा कि हर देवता की पूजा का अलग विधान है। इसके अलावा पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री का भी शास्त्रों में वर्णन मिलता है, कि कौनसी सामग्री किस देवता को अर्पित की जाती है, ऐसे ही पूजा में रंगों का भी खास महत्व है। लाल रंग के इस्तेमाल से घर में बरकत बनी रहती है, साथ ही धन लाभ भी होता है, परंतु लाल रंग का इस्तेमाल हमेशा किसी विशेषज्ञ से पूछ कर ही करना चाहिए, क्योंकि इस रंग में उत्साह को उग्रता में बदलने की क्षमता होती है और सनातन धर्म में पूजा-पाठ और किसी भी मांगलिक कार्य के समय पीले रंग का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है, पीले रंग का धार्मिक तौर पर विशेष महत्व बताया गया है, पीला रंग सूर्य की सकारात्मक ऊर्जा का भी संकेत देता है, इसके अलावा इस रंग के इस्तेमाल से बृहस्पति की कृपा बनी रहती है जिससे घर में सुख समृद्धि कम नहीं होती। शुद्धता और स्वच्छता का प्रति सफेद रंग का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही पूजा पाठ के लिए किया जा रहा है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सफेद रंग मनुष्य की सेहत पर सकारात्मक और गहरा असर डालता है, ये रंग घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार बढ़ा देता है। वहीं हरा रंग प्रकृति और सद्भाव का प्रतीक माना जाता है, हरा रंग बुध ग्रह का भी प्रतीक माना जाता है, यही कारण है कि इसका उपयोग पूजा पाठ में किया जाता है, हरे रंग का इस्तेमाल आयुर्वेद में भी बताया गया है. इसके जरिए अनेक बीमारियों को ठीक किया जा सकता है।

दीप्ति सिंह ने कहा कि सनातन धर्म में भगवा रंग का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है। इस रंग के ध्वज का उपयोग आरएसएस अपने ध्वज में करती है। जब भगवा रंग से सनातन धर्म का कोई नाता ही नहीं है, तब भाजपाई व संघ विचारधारा इसे हिन्दुओं के अपमान से क्यों जोड़ती है? उन्होंने आसन्न विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपाई मनोवृत्ति द्वारा फैलायी जा रही इस ओछी मनोवृत्ति की घोर निंदा करते हुए कहा कि वे सभी भाजपाई जो उक्त फिल्म के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं, उन्हंे ईश्वर भी माफ नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वे भाजपाई जिन्होंने कथित तौर पर भगवा रंग का राजनैतिक पेटैंट करवा रखा है, उन्हंे सबसे पहले प्रज्ञासिंह ठाकुर जैसी अपराधी किस्म की महिला से भगवा रंग के उपयोग का अधिकार छीनना चाहिए।

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