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मुलायम सिंह यादव का निधन, मंगलवार को पैतृक गांव सैफई में होगा अंतिम संस्कार

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व रक्षामंत्री और समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव (82 वर्ष) का सोमवार सुबह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उन्होंने सुबह 8.16 बजे आखिरी सांस ली। मंगलवार को उनके पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के सैफई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।मुलायम सिंह यादव 22 अगस्त से मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। रविवार से ही उनकी स्थिति काफी नाजुक हो गई थी। सोमवार सुबह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव के निधन की जानकारी ट्वीट करके दी, उन्होंने लिखा- मेरे आदरणीय पिताजी और सबके नेताजी नहीं रहे।

उप्र में तीन दिनों का राजकीय शोक

तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए राज्य में तीन दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुलायम सिंह यादव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।पार्थिव शरीर सैफई लाया गया

मुलायम सिंह यादव का पार्थिव शरीर सोमवार दोपहर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल से सैफई के लिए रवाना हो गया। प्रो. रामगोपाल यादव के मुताबिक मुलायम सिंह का पार्थिव शरीर यमुना एक्सप्रेसवे और आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से करहल कट से होकर शाम को सैफई लाया गया और 11 अक्टूबर को अपराह्न 03 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर सैफई आवास पर रखा गया है और मंगलवार को सुबह पंडाल में रखा जायेगा।

प्रशासनिक स्तर पर मुलायम सिंह यादव के अंतिम संस्कार की तैयारियां सैफई में शुरू कर दी गई हैं। इस मौके पर काफी संख्या में उनके प्रशंसकों और राजनीतिक दिग्गजों के मौजूद रहने की उम्मीद है।

राजनीतिक हस्तियों ने जताई शोक संवेदना

इससे पूर्व सोमवार सुबह मुलायम सिंह यादव के निधन की सूचना से उनके समर्थकों और प्रशंसकों के बीच शोक की लहर दौड़ गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित पक्ष और विपक्ष की तमाम राजनीतिक हस्तियों ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को गुजरात दौरे में भरूच में आयोजित अपनी जनसभा की शुरुआत दिग्गज समाजवादी नेता मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए की। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव घोर राजनीतिक विरोधों के बीच भी सत्य कहने से हिचकते नहीं थे।सोमवार सुबह गृहमंत्री अमित शाह ने मुलायम सिंह यादव के निधन की खबर सुनकर गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी मुलायम सिंह यादव के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राजनीतिक विरोधी होने के बावजूद मुलायम सिंह से उनके अच्छे संबंध रहे। वह मंगलवार को अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सैफई जाएंगे।मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी, आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, शरद पवार, मायावती, अरविंद केजरीवाल, गुलाम नबी आजाद सहित बड़ी संख्या में दूसरे राजनीतिक दलों के नेता और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं। तमाम हस्तियों ने मुलायम सिंह यादव के निधन को देश के लिए बड़ी क्षति बताते हुए उनसे जुड़ी यादों को ताजा करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

जीवन यात्राः

`नेताजी’ और `धरतीपुत्र’ के नाम से अपने प्रशंसकों में लोकप्रिय रहे 82 वर्षीय मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर, 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव के एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता मुलायम सिंह को पहलवान बनाना चाहते थे इसलिए अखाड़े में हाथ आजमाया लेकिन आगे चलकर वे राजनीतिक दंगल के माहिर बनकर उभरे।

इससे पहले उन्होंने आगरा विवि से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और बीटी करने के बाद इंटर कॉलेज में प्रवक्ता नियुक्त हुए। जल्द ही सक्रिय राजनीति में रहते हुए नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

समाजवादी विचारों से प्रभावित मुलायम सिंह यादव ने उस दौर की राजनीति पर अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और देश के रक्षामंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान वे 10 बार विधायक और 7 बार लोकसभा के सदस्य चुने गए।

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