मध्यप्रदेश में पॉजिटिविटी रेट 9.5%, लापरवाही के चलते कोरोनावायरस संक्रमण की स्थिति खतरनाक corona News by mpeditor - September 12, 2020September 12, 20200 मध्यप्रदेश में लापरवाही और बेपरवाही के चलते कोरोनावायरस का संक्रमण अब खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। आज की सरकारी रिपोर्ट में पॉजिटिविटी रेट 9.5% बताई गई है। यदि आने वाले 3 दिनों में पॉजिटिविटी रेट यही रही तो प्राइवेट अस्पतालों के अधिग्रहण के बाद भी संक्रमित लोगों को भर्ती करने के लिए अस्पतालों में जगह नहीं होगी। पिछले 24 घंटे में कोविड-19 महामारी के कारण 30 लोगों की मौत हो गई और 2240 लोग संक्रमित हुए। आज की तारीख में अस्पतालों में 18992 जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं, मध्य प्रदेश द्वारा जारी कोरोनावायरस मीडिया बुलेटिन दिनांक 11 सितंबर 2020 (शाम 6:00 बजे तक) के अनुसार पिछले 24 घंटे में:- 23431 सैंपल की जांच की गई।176 सैंपल रिजेक्ट हो गए।21191 सैंपल नेगेटिव पाए गए।2240 सैंपल पॉजिटिव पाए गए।30 मरीजों की मौत हो गई।1651 मरीज डिस्चार्ज किए गए।मध्यप्रदेश में संक्रमित नागरिकों की कुल संख्या 83619मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या 1691मध्यप्रदेश में कोरोनावायरस से स्वस्थ हुए नागरिकों की संख्या 6293611सितंबर 2020 को संक्रमित नागरिकों की संख्या 18992 11 सितंबर 2020 को मध्यप्रदेश में संक्रमित इलाकों की संख्या 6484 पॉजिटिविटी रेट 9.5% आज भी संक्रमित हुए नागरिकों की संख्या अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए नागरिकों से ज्यादा है। सरकारी रिपोर्ट में आज का पॉजिटिविटी रेट 9.5% है। कम से कम आम जनता को यह समझना चाहिए कि हालात खतरनाक हो गए हैं। जब तक सरकार अस्पताल बनाएगी तब तक बहुत देर हो चुकी होगी। इंदौर में पिछले 24 घंटे में दो लोगों की मौत सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि उन्हें किसी भी अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा सका था। दमोह में जमीन से जुड़ी बसपा नेता एवं विधायक श्रीमती रामबाई परिहार का सैंपल पॉजिटिव पाया गया है। श्रीमती रामबाई वीआईपी कल्चर से नहीं आती। जमीन से जुड़ी क्षेत्र में पसीना बहाने वाली नेता है। यानी इस तरह का परिश्रम करने वाले लोगों को सावधान हो जाना चाहिए। इंदौर में दुकानदारों ने शाम को जल्दी दुकान बंद करने का फैसला लिया है। जबलपुर में दुकानदार 8 दिन के लिए पूरा बाजार लॉकडाउन करने वाले हैं। जनता को इस तरह के सामूहिक फैसले लेने पड़ेंगे। क्योंकि सरकार की तरफ से बयान आ रहे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर भारतीय जनता पार्टी के पार्षद तक कोई भी नेता कोविड सेंटर में मरीजों की स्थिति का निरीक्षण नहीं कर रहा। आम जनता को डॉक्टरों के हवाले लावारिस छोड़ दिया गया है।