राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा – मौका आ गया उपचुनाव में गद्दारों के खिलाफ वोट दें News Politics by mpeditor - September 12, 2020September 12, 20200 पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह की अगुवाई में 130 किमी चली पदयात्रा का सनकुआं धाम पर समापन, सनकुआं धाम की संगीतमय महाआरती रही आकर्षण का केंद्र।अतिथियों ने सिंध नदी की आरती की, आगे सेवादल का ऐसा घेरा कि परिंदा भी पर नहीं मार सके। ज्योतिरादित्य सिंधिया पूरी तरह से शिवराज की शरण में चले गए हैं। वह कहते हैं कि अन्याय व गरीब के लिए तलवार निकालेंगे। लेकिन ग्वालियर चंबल संभाग में हो रहे अवैध रेत उत्खनन के लिए वह तलवार नहीं निकालेंगे। फर्जी कंस मामा व सिंधिया से पूछता हूं। आपको शर्म नहीं आती। माफ किए गए बिजली के बिलों की वसूली हो रही है। समय आ गया है, आपको उपचुनाव में गद्दारों के खिलाफ वोट देना है। यह बात राज्यसभा सांसद व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को सनकुआं धाम पर नदी बचाओ यात्रा के समापन अवसर पर कही। बता दें कि लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने 5 सितंबर को लहार से नदी बचाओ यात्रा शुरू की थी। सनकुआं धाम पर इस यात्रा का समापन किया गया। इस दौरान विधायक डाॅ सिंह ने 130 किमी पैदल यात्रा की। कार्यक्रम को बाली बाबा, मुन्ना सेंगर, अशोक शर्मा ने भी संबोधित किया। नदी बचाओ पूरी यात्रा गैर राजनीतिक, लोगों ने बारात जैसा स्वागत किया: डॉ. गोविंद सिंह यात्रा पूरी तरह गैर राजनीतिक थी। इसमें मैंने एक रुपए खर्च नहीं किया। लोगों ने यात्रा का स्वागत बारात जैसा किया। सिंध जीवन दायनी है। लेकिन नदी सूख रही है क्योंकि इस वक्त ट्रक नहीं उसके ग्रांड फादर आ गये। जो नदी को खोखला कर रहे हैं। शिवराज कहते हैं सौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। मैंने और मेरे परिवार ने अवैध रेत उत्खनन से एक पैसा भी कमाया हो तो मेरे ऊपर मुकदमा करें अन्यथा उनका मुंह काला किया जाएगा। मैंने 15 वर्ष लड़ाई लड़ी। याचिकाएं लगाई जांच कमेटी बैठाई ताकि नदी बचे। आज शिवराज खुद जिला अधिकारियों से कहते हैं कि नदी में मशीनें लगने दो ठेकेदार ने मंहगा ठेका लिया है। अफसर सोचते हैं सैंया भए कोतवाल तो डर काय को। सेंवढ़ा क्षेत्र में जारी अवैध उत्खनन के खिलाफ क्षेत्रीय विधायक घनश्याम सिंह के साथ आंदोलन करने का एलान किया। 9 में से 7 लक्ष्मण रेखा पार कर चुके हैं, 2 और पार करते ही दुनिया नष्ट: राजगोपाल एकता परिषद के पीवी राजगाेपाल ने कहा कि पूर्वज लोग नदी के पास गांव बसाने के लिए जाते थे। उसी से जीवन यापन होता था, और आज नदी और पानी हमसे रूठ रहा है। चारों ओर रेगिस्तान होता जा रहा है। इसकी मूल वजह है कि वर्तमान में हम विरोधाभास में जीते हैं। जिसे मैया कहते हैं उसी पर गंदगी डालते हैं। उसकी उपेक्षा करते हैं फिर चाहे वह धरती माता हों, गौ माता हों, गंगा माता हों, सरस्वती माता हों। दुनिया बर्बाद करने के 9 लक्ष्मण रेखाओं में से हम 7 पार कर चुके हैं। 2 और पार करते ही दुनिया नष्ट हो जाएगी।