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दुग्ध संघ द्वारा किसानों से खरीदे जाने वाले दूध के कम दाम का विरोध, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को पत्र लिखा

  • कांग्रेस सरकार के समय के दूध के दाम यथावत रखने की मांग।

दुग्ध संघ ने किसानों से दूध खरीदी के दाम में करीब 8 रुपए प्रति किलोग्राम की कटौती कर दी है। दुग्ध संघ किसानों से 40 रूपये 80 पैसे प्रति लीटर की जगह 32 रूपये 40 पैसे प्रति लीटर में दूध खरीदा रहा है। जिससे प्रदेश के लाखों किसानों और दूध उत्पादकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के पशुपालक किसानों की समस्या को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है। उन्होंने मांग की है कि प्रदेश के लाखों किसानों के हितों का ध्यान रखा जाए। दुग्ध संघ द्वारा दूध के दाम कम करने का फैसला तत्काल वापस लिया जाए। उन्होंने कांग्रेस सरकार के दौरान लागू दूध के दामों को यथावत रखने की मांग की है।

उन्होंने राज्य सरकार के डेयरी महासंघ द्वारा प्रदेश के दस लाख से अधिक दूध का उत्पादन करने वाले किसानों का शोषण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि एक तरफ प्रदेश के अन्नदाता किसान कोरोना काल में हर गरीब परिवार का पूर्ण समर्पण से सेवा कर रहा है। वही दूसरी तरफ आपकी सरकार ने दुग्ध उत्पादक किसानों के दूध की कीमत 140 रू. प्रति फेट कम कर दी है।

10 लाख पशुपालक किसानों को हो रहा आर्थिक नुकसान

कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में किसानों से खरीदे जाने वाले दूध की कीमत प्रति किलो फेट की कीमत 680 रूपए थी। उस समय दुग्ध संघ पशुपालक किसानों से 40 रूपये 80 पैसे प्रति लीटर दूध क्रय करता था। जिसे वर्तमान सरकार ने कम कर दिया है। पशुपालन करने वाले किसानों से खरीदे जाने वाले दूध की कीमत घटाकर 32 रूपये 40 पैसे प्रति लीटर कर दी गई है। इससे प्रदेश के 10 लाख से अधिक पशुपालक किसानों का आर्थिक शोषण हो रहा है। दुग्ध संघ अपने खर्चों पर कटौती करने की जगह किसानों का आर्थिक नुकसान कर रहा है।

दिग्विजय सिंह

किसानों ने लॉकडाउन में भी दूध की किल्लत नहीं होने दी

कांग्रेस नेता का कहना है कि लॉकडाउन में दुग्ध का उत्पादन करने वाले लाखों किसानों ने प्रदेश में दूध की किल्लत नहीं होने दी थी। महामारी के दौर में भी शहरी जनता को सहारा दिया था।भोपाल और सीहोर के किसान इसकी शिकायत भी कर चुके हैं। राज्यसभा सांसद ने अनुरोध किया है कि प्रदेश के लाखों किसानों के हित में दूध के दाम कम करने का फैसला तुरंत वापस लिया जाये और कांग्रेस सरकार के समय दिये जा रहे दूध के दाम यथावत रखे जायें।

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