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कमलनाथ को लेकर बोले सज्जन सिंह वर्मा- दोहरी भूमिका में रहे हैं कमलनाथ

इंदौर- पूर्व सीएम कमलनाथ को कांग्रेस का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों के बीच पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने कहा कि वे (कमलनाथ) दोहरी भूमिका में रहे। राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी निभाने के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व भी निभाएं। उन्होंने कहा कि इस समय सशक्त नेतृत्व मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पास है। कमलनाथ चाहेंगे कि कार्यों का बंटवारा हो, कुछ और मैदानी लोग मिले वो बात हो सकती है। मेरा हाईकमान से अनुरोध है इस कांग्रेस के कुनबे को संभाल रखने में सबसे महती भूमिका निभा रहा है तो वे है कमलनाथ। वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को लेकर वर्मा ने कहा मैं इस काबिल हूं, लेकिन इसकी दौड़ में नहीं हूं। वहीं, सिंधिया को लेकर कहा कि रो रहे थे तो मोदी जी ने उन्हें बिकाऊ विभाग का झुनझुना पकड़ा दिया है।

मीडिया के सवाल और सज्जन वर्मा के जवाब…

प्रदेश सरकार ने इस बार सत्र को छोटा कर दिया है?
वर्मा ने कहा – सरकार जनहित के मुद्दों से बचना चाहती है, इसलिए उसने सिर्फ तीन दिन का सत्र आयोजित किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हमेशा जनहित के मुद्दों से कतराने वाले मुख्यमंत्री रहे हैं। इनको किस्मत से परोसी हुई थाली मिली थी, अब कुर्सी मिल गई। उन्होंने कहा – पिछले आंकड़े उठाकर देख लीजिए, इन्होंने पांच-छह दिन से ज्यादा विधानसभा का सत्र नहीं चलाया है।

कमलनाथ जी को लेकर इतना हल्ला क्यों, उन्हें लेकर स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं हो रही है?
कमलनाथ का तालमेल और संबंध इंदिरा गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी के समय से है। कांग्रेस में सबसे विश्वनीय नेता कमलनाथ जी हैं। राजनीति में बड़े घरानों की भी जरूरत होती है। देश के सभी बड़े घरानों से कमलनाथ जी के संबंध हैं। हाईकमान दिल्ली में भी कमलनाथ की मदद कई मुद्दों को सुलझाने में लेगा। कमलनाथ का लक्ष्य है कि 2023 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आए।

सज्जन सिंह वर्मा का नाम नेता प्रतिपक्ष के साथ अध्यक्ष पद की दौड़ में लिया जा रहा है?
मैं दोनों ही पद की दौड़ में नहीं हूं, कमलनाथ के रूप में इस समय मप्र कांग्रेस को बहुत मजबूत नेतृत्व मिला है। वे चाहेंगे कि कुछ कामों का बंटवारा हो तो वह हो सकता है। कांग्रेस के कुनबे को संभालने में वे महती भूमिका निभा रहे हैं। मैं नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के पद के लायक हूं, हाईकमान की कसौटी में भी खरा उतरता हूं, लेकिन उस रेस में नहीं हूं। मुझे रेस वाली राजनीति रास नहीं आती है। मेरा तो लक्ष्य सिर्फ 2023 में प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाना है।

जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह जैसे युवा चेहरों के भी नाम इन पदों के लिए लिए जा रहे हैं?
मैं पीढ़ी का नेता हूं, जो सेकेंड लाइन को आगे लाने में विश्वास रखता हूं। जिस पार्टी की सेकेंड लाइन कमजोर होती है, उस राजनीतिक दल को खुद को आगे लेकर जाने में बहुत परेशानी होती है। मोदी के प्रधानमंत्री और अमित शाह के पद संभालने के बाद भाजपा की सेकेंड लाइन बहुत कमजाेर हो गई है। गडकरी जैसे एक दो मंत्री को छोड़ दो तो सभी मंत्रियों को फाइल में साइन करने से पहले उसने परमिशन लेना होती है। क्यांेकि उन्होंने सत्ता और संगठन के सारे सूत्र अपने पास रख लिए हैं।

आप कह रहे हैं कि मंत्रियों को पावर नहीं है, सिंधिया जी तो हर दिन नई फ्लाइट चलवा रहे हैं?
लालीपॉप, जब कोई बच्चा रोता है तो लालीपाॅप दे देते हैं। उससे छोटा बच्चा रोता है तो झुनझुना दे देते हैं। अच्छा है.. मोदी जी पूरी एयरलाइन बेच रहे हैं। हवाई मार्ग बेच रहे हैं। कुछ एयरपोर्ट बेच ही दिए हैं। जिस विभाग का माल बिकने को तैयार है, उस विभाग का मंत्री बना दिया है। उसमें भी बेचने का पॉवर सिंधिया जी की जगह मोदी जी को ही है।

आपका कहना है कि शिवराज सरकार में प्रदेश में महिला सुरक्षा और भ्रष्टाचार हावी हुआ है?
नेमावर हत्यांकाड के बाद चार बार नेमावर जा चुका हूं। नेमावर में पांच की निर्मम हत्या हुई। तीन बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ, उन्हें यूरिया, नमक डालकर 10 फीट नीचे गड्ढे में गाड़ दिया। सीएम बनने के बाद शिवराज जब इंदौर आए थे तो कहा था कि असमाजिक तत्वों और माफियाओं को जमीन पर गाड़ देंगे। वे ऐसा तो कर नहीं पाए, उल्टा उनकी भांजियाें को जरूर गाड़ दिया गया। देवास में फोरलेन में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। जिनके सड़क निर्माण में शेड बस आए, उन्हें 40 लाख रुपए मुआवजा दे दिया गया। जिनके बड़े पक्के मकान आए, उन्हें 5-6 लाख रुपए दे रहे हैं। कुछ ने तो मुआवजा का पता चलते ही शेड पर शेड बना लिए। मैंने केंद्रीय मंत्री गडकरी को पत्र लिखा, जिसके बाद एक टीम जांच करने पहुंची थी।

नगरीय निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस की क्या तैयारी है?
हमारी तैयारी तो पहले से ही है। तैयारी तो सत्तापक्ष को करना है। क्योंकि कमलनाथ सरकार में हमने मेयर के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करवाने का निर्णय लिया था। जब इनकी सरकार आई तो इन्होंने कहा कि मेयर के चुनाव सीधे होंगे। अब कोरोना और मंहगाई पर घिरने के बाद वे पार्षदों के जरिए मेयर का चुनाव करवाना चाह रहे हैं। उन्होंने भ्रष्टाचार कर खूब धन कमाया है, उनके पूरे पार्षद नहीं जीत पाए तो उन रुपयों से फिर से खरीद-फरोख्त कर लेंगे। जैसे विधायकों की की थी। चुनाव आयोग भ्रमित कर रहा है। जनवरी के पहले चुनाव नहीं होने वाले।

योगी सरकार के जनसंख्या कानून पर क्या कहना चाहेंगे?
जनसंख्या कानून राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए लाया गया है। योगी ने कुछ लोगों के अधिकार कम करने के लिए यह पहल की है। इंदिरा गांधी सरकान ने 1975 में इस कानून को लागू किया था तो यही विपक्ष सड़क पर उतर आया। उस समय यह कानून लागू हो गया होता तो आज भारत विश्व में सबसे खुशहाल देश होता। हम कहते हैं एक स्टेट नहीं, पूरे देश में इसे लागू करना चाहिए। यूपी में कांग्रेस हाईकमान को प्रियंका गांधी को पूरे अधिकार देकर उतार देना चाहिए। उन्होंने मोर्चा संभाल रखा है। सिंधिया कैलीबिर वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे। हालांकि उन्होंने अपने कैलिबर को बेच दिया। उन्होंने इतिहास को कलंकित कर दिया।
राजस्थान का भी राजनीतिक मौसम बदल रहा है?
वहां का मामला निपट गया है। अजय माकन वहां के प्रभारी हैं, उन्होंने सभी की भूमिका को स्पष्ट कर दिया है।
पंजाब की स्थिति कब सुधरेगी?
जिस दिन हाईकमान ने चाह लिया उस दिन सभी मसले आसानी से हल हो जाएंगे। हाईकमान को अब कड़क निर्णय लेने की जरूरत है। आने वाली स्थितियां कांग्रेस के पक्ष में हैं। जब राहुल ने कोरोना को लेकर चेताया तो हंसी उड़ाई गई थी।
प्रशांत किशोर पर क्या कहेंगे?
वे अच्छे एडवाइजर हैं। बंगाल में हम देख चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा बंगाल में 100 सीट भी नहीं जीत पाएगी। उन्हें मैं एडवाजर के रूप में देखता हूं।
कैलाश विजयवर्गीय को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी, पर ऐसा हुआ नहीं?
कैलाश भाई ने वक्त को पहचाना और इंदौर शिफ्ट हो गए। अब वे इस माटी का कर्ज उतारें। पद आवश्यक नहीं है, समाज सेवा करते रहें। उनकी टीम मजबूत है। मोदी और शाह उन्हें कोई काम नहीं दे रहे हैं। इसलिए समाज सेवा ही करें।

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