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शिवराज के मंत्री बोले-6 महीने से नहीं बंटा मध्यान्ह भोजन, अपनी ही सरकार की योजना पर उठाए सवाल, कमलनाथ ने कहा- जांच हो

मध्यप्रदेश में एक मंत्री ने अपनी ही सरकार की योजना की पोल खोली है। खनिज एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को एक शिकायती लेटर लिखा है। जिसमें कहा है कि उनके क्षेत्र पन्ना जिले के अजयगढ़ ब्लॉक में करीब 100 स्कूलों में 6 महीनों से मध्यान्ह भोजन नहीं बंटा है। पत्र में मंत्री ने क्षेत्र में योजना में हो रही गड़बड़ी पर रोक लगाने की मांग की है। लेटर 14 सितंबर को लिखा गया था, लेकिन अब सामने आया है।

लेटर सामने आते ही कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बता दें कि आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण आहार सप्लाई में गड़बड़ी को लेकर कैग की रिपोर्ट के बाद प्रदेश की राजनीति में पहले से ही बवाल मचा है। रिपोर्ट सामने आने के बाद विपक्ष सरकार पर हमलावर है। अब खनिज मंत्री का यह पत्र सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।

‘मेरे विधानसभा क्षेत्र में पन्ना भ्रमण के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने बताया है कि अजयगढ़ विकासखंड के करीब 100 से अधिक स्कूलों में पिछले छह महीनों से मध्यान्ह भोजन का वितरण नहीं किया जा रहा है। इसके कारण स्थानीय लोगों में असंतोष है। ऐसी स्थिति चिंता का विषय है। मध्यान्ह भोजन वितरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए मध्याह्न भोजन का वितरण सुचारू रूप से संचालित कराने के संबंध में आदेश दें।

मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि दौरे के दौरान सामने आया था बहुत दिनों से कई स्कूलों में मिड-डे मील नहीं मिला। इस बारे में कलेक्टर से बात की, तो पता चला कि योजना के पोर्टल में कोड गलत फीड हो गया है, इस वजह से दिक्कत हुई है। स्कूल शिक्षा मंत्री जी के संज्ञान में लाए। अब कलेक्टर ने बताया है कि कोड को ठीक कर लिया गया है। 15 दिनों में व्यवस्था सुधर जाएगी।

मंत्री का लेटर सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने पहले ही योजना में गड़बड़ी की बात कही थी। इसके प्रमाण भी समय-समय पर सामने आए हैं। पोषण आहार के नाम पर प्रदेश में फर्जीवाड़ा किया गया। अब सरकार के जिम्मेदार खुद सच्चाई सामने ला रहे हैं। पता नहीं सरकार कब इसकी सच्चाई को स्वीकार करेगी। मैं सरकार से मांग करता हूं कि इसकी उच्च स्तरीय जांच की जाए। योजना में भी फर्जीवाड़ा बंद कर दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए

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