बारिश में किया गया शव का अंतिम संस्कार, विकास के तमाम दावों की पोल खोलने वाली तस्वीर आई सामने News by mpeditor - August 12, 2020August 12, 20200 मध्यप्रदेश में कई जिलों में मौत के बाद भी नहीं मिलता सुकून, ऐसे हालातों में किया जाता है अंतिम संस्कार। मध्यप्रदेश मे विकास के तमाम दावों की पोल खोलने वाली एक और तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर दिया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि यहां मरने के बाद भी किसी को सुकून नहीं मिलता। हालांकि यह पहला जिला नहीं है, जहां ऐसी समस्या है, कई जिलों में आज ही यही हालात हैं। कटनी जिले के ढीमरखेड़ा तहसील के इटोली गांव का यह मामला है, जहां श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए लोगों को तिरपाल और पन्नी ढंककर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। इटौली गांव के 72 वर्षीय बुजुर्ग बैद्यनाथ के निधन के बाद ग्रामीण शव लेकर मुक्तिधाम पहुंचे तो हमेशा की तरह एक बार फिर सरकारी अव्यवस्था से रूबरू हुए। यहां अंतिम क्रिया की तैयारी चल ही रही थी, शव को चिता पर रखने के के बाद अग्नि संस्कार होना ही था तभी तेज बारिश शुरू हो गई। इसके बाद फौरन ग्रामीण दौड़कर गए और पास के घरों से पॉलिथीन लेकर आए और चिता को ढंका। इसके बाद अग्नि संस्कार किया जा सका। इस दौरान ग्रामीण आधा घंटा से ज्यादा समय चिता को पॉलिथीन से ढंककर खड़े रहे, थोड़ी देर बाद जब चिता में अग्नि लगाई गई तब जाकर ग्रामीण दूर हटे। हालांकि यदि बारिश तेज होती तो शव का अंतिम संस्कार भी मुश्किल था। शव नहीं सरकार की नाकामी को ढंकते हैं हम इस अव्यवस्था से परेशान ग्रामीणों में गुस्सा देखा गया। वे कहते हैं कि इतने सालों से हम ऐसे ही अंतिम संस्कार करते आए हैं। कई सरकारें बदलती गई, लेकिन हमारी स्थिति कभी नहीं बदली। इस मुक्तिधाम में शेड निर्माण की मांग कई वर्षों से की जा रही है, लेकिन जिम्मेंदारों की बेपरवाही से कारण समस्या दूर नहीं हो रही है। अंतिम संस्कार के बाद ग्रामीणों ने कहा कि हर बार यही समस्या होती है। हम इस श्मशान घाट पर शव को नहीं, सरकार की नाकामी को पॉलिथिन से ढंकते हैं।