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वर्ष 2024 तक देश में सड़क दुर्घटनाओं का प्रतिशत कम करने का लक्ष्यः गडकरी

इंदौर। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 2024 से पहले देश में सड़क दुर्घटना तथा उनसे होने वाली मौत को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य की प्रतिपूर्ति तभी हो सकती है, जब नागरिकों में संवेदनशीलता तथा ट्रैफिक नियमों एवं मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के प्रति सजगता हो। इसके लिए सभी सामाजिक संस्थानों, विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों, प्रशासन एवं मीडिया का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि सड़क सुरक्षा को जन आंदोलन का रूप दे दिया जाए तो हमें निश्चित तौर से हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी।केन्द्रीय मंत्री गडकरी सोमवार को स्थानीय रविंद्र नाट्य गृह में जनआक्रोश सामाजिक संस्था समूह के “हमारा संकल्प-सड़क सुरक्षा” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज यहां बैठे सभी लोग यह प्रतिज्ञा लें कि वे दूसरों को समझाने से पहले स्वयं ट्रैफिक नियमों का अनुसरण करेंगे और इंदौर को सड़क दुर्घटना मुक्त बनाने का प्रयास करेंगे।

सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अपनाएं “5-ई” मॉडल

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें डेढ़ लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है। मृतकों में से 70 प्रतिशत लोग 18 से 40 वर्ष के आयु वर्ग के होते हैं। इससे हमें न केवल सामाजिक नुकसान होता है, बल्कि 3 प्रतिशत जीडीपी लॉस भी होता है। इस सामाजिक और आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि जिस तरह इंदौर ने स्वच्छता का पाठ पूरे देश को पढ़ाया है, उसी तरह सड़क दुर्घटना में कमी लाने में भी नंबर वन बनकर इंदौर पूरे देश में ट्रैफिक नियमों के प्रति सजगता का एक अनुकरणीय मॉडल प्रस्तुत करेगा।उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए “5-ई” मॉडल अपनाना जरूरी है। जिसमें सबसे पहले रोड इंजीनियरिंग आता है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने वाले ब्लैक स्पॉट को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक और वर्ल्ड बैंक के साथ मिलकर राज्य सरकारों को 15 हजार करोड़ रुपये का फंड प्रदान करने की योजना शुरू की जा रही है। इस दिशा में पहले से भी कई कार्य किए गए हैं, जिससे ब्लैक स्पॉट को खत्म किया जा रहा है। दूसरे-ई के तहत आता है व्हीकल इंजीनियरिंग। गाड़ियों के क्रैश टेस्ट अनिवार्य करने हेतु भारत न्यू कार एसेसमेंट प्रोग्राम स्टार रेटिंग शुरू किया गया है। इसी तरह लग्जरी एवं इकॉनॉमिक गाड़ियों में भी एयर बैग्स की सुविधा अनिवार्य की गई है।

तीसरे-ई एवं चौथे-ई के अंतर्गत आता है। इंफोर्समेंट तथा एजुकेशन, ट्रैफिक नियमों का पूरा पालन हो एवं लोगों में इन नियमों के प्रति सजगता आये, तभी सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। पांचवें-ई के अंतर्गत आता है हेल्थ इमरजेंसी। अगर उक्त चारों-ई का पालन ठीक से हो रहा है तो इमरजेंसी को कंट्रोल किया जा सकता है और सड़क दुर्घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकेगा। अगर फिर भी सड़क दुर्घटनाएं होती है तो हेल्थ इमरजेंसी के तहत ऐसे व्यक्ति जो दुर्घटनाओं में जीवित रहने की संभावना नहीं रखते हैं उनके ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा को भी बेहतर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जनाक्रोश संस्था इस दिशा में एक सराहनीय पहल शुरू कर रही है, इस पहल को सफल बनाने के लिए हम सभी का सहयोग आवश्यक है।

ट्रैफिक नियमों के प्रति सजगता से रोकी जा सकेंगी सड़क दुर्घटनाएं

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में अनेक राजमार्ग प्रोजेक्ट क्रियान्वित किए जा रहे हैं जिनके तहत सड़कों का चौड़ीकरण एवं ब्रिजों का निर्माण किया जा रहा है। पर इन प्रोजेक्ट की सफलता के लिए जरूरी है कि जिलेवासी ट्रैफिक नियमों का पालन भी करें। ट्रैफिक नियमों के प्रति सजगता से सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।

कार्यक्रम में विधायक रमेश मेंदोला, नवनिर्वाचित महापौर पुष्यमित्र भार्गव, गौरव रणदीवे, जीतू जिराती, जयपाल सिंह चावड़ा सहित जनआक्रोश संस्था के नागपुर तथा इंदौर ब्रांच के संस्थापक व सचिव सहित संस्था की पूरी टीम भी उपस्थित रही।

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