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बच्चों के पास नहीं था स्मार्टफ़ोन शिक्षक अनिल कुमार नागर घर घर जाकर बच्चों को पढ़ा रहे

कोरोना संक्रमण के कारण मार्च के बाद से स्कूल बंद हैं। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन कक्षाएं चलाई जा रही हैं, सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन न होने के कारण उनकी पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। जिसे देखते हुए सरकारी स्कूल का एक शिक्षक बस्ती में जाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं। शासकीय हाईस्कूल नई जेल के माध्यमिक के शिक्षक अनिल कुमार नागर ने अपने ही स्कूल के बस्ती में रहने वाले बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठाया है। वे तीन माह से बस्ती में जाकर सुबह 11 से शाम 4 बजे तक कक्षा लगाते हैं।

एक कक्षा में 7 से 10 बच्चे होते हैं। जिन्हें मास्क व सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पढ़ाते हैं। वे हर रोज विद्यार्थियों को होमवर्क भी देते हैं। उन्हें अक्सर नई जेल के आसपास की बंजारा, गोंडीपुरा और नयापुरा बस्ती में कक्षा लेते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान वे कोरोना वायरस से बचाव का पाठ भी पढ़ाते हैं। वे सभी बच्चों को घरों में ही समय-सारिणी बनाकर खुद से पढ़ाई करने के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।

स्कूल में स्मार्ट क्लास शुरू कराई

राजधानी से 15 किमी दूर नई जेल स्थित अपने स्कूल में स्मार्ट क्लास तैयार करने के लिए उन्होंने सहयोग राशि प्रदान की। साथ ही वीडियो बनाकर यूट्यूब पर भी अपलोड करते हैं, ताकि बच्चे घर बैठे पढ़ाई कर सकें। बचपन से पोलियो के शिकार अनिल नागर कहते हैं कि शिक्षा से बच्चों का भविष्य बदला जा सकता है, जिसके लिए वे प्रयास कर रहे हैं।

स्मार्ट फोन व डाटा भी उपलब्ध कराया

अनिल नागर कहते हैं कि ऑनलाइन कक्षा तो शुरू कर दी गईं, लेकिन बस्ती के विद्यार्थियों के पास स्मार्ट फोन व रेडियो न होने के कारण उनकी पढ़ाई नहीं हो पाती थी। तब उन्होंने बस्ती के एक बच्चे को स्मार्ट फोन उपलब्ध कराया और डाटा भी डलवाया, जिससे उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके। इसके अलावा उन्होंने रेडियो भी उपलब्ध कराया, ताकि छोटे बच्चे रेडियो पर प्रसारित शैक्षणिक कार्यक्रमों को सुन सकें।

विभाग की ओर से ऑनलाइन कक्षा के लिए जो भी शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराई जाती है, उससे बस्ती के बच्चों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस कारण कक्षा लगाकर पढ़ाई कराई जा रही है। – अनिल कुमार नागर, शिक्षक, शा. हाईस्कूल, नई जेल

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