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मुख्यमंत्री की बैठक का मतलब जनता की सेवा नहीं, अधिकारियों पर दबाव बनाना था : कमलनाथ

भोपाल। मध्य प्रदेश की जनता ने आशा की थी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साल की पहली बड़ी बैठक में प्रदेश के विकास का कोई खाका खींचेगे, लेकिन यह बैठक तो एक बार फिर से रस्म अदायगी साबित हुई। मुझे आशंका है कि इस बैठक का मकसद सरकार के कामकाज को दुरुस्त करना नहीं बल्कि सरकारी अधिकारियों पर सत्ताधारी पार्टी के लिए काम करने का दबाव बनाना था। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जारी एक बयान में यह बात कही।

कमलनाथ ने कहा कि एक बार फिर धरातल पर कभी न उतरने वाले रोडमैप रखे गए, समाचार की सुर्खियां बटोरने का एक असफल प्रयास किया गया और भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर जीरो टॉलरेंस का मुखौटा ओढ़ा गया। पुरानी महापंचायतों का कोई हिसाब नहीं, नई महापंचायतें कर फिर झूठी घोषणाओं का प्रोग्राम बनाया गया। जनता की गाढ़ी कमाई से प्रचारजीवी कार्यक्रम बनाए।


मुख्यमंत्री जी प्रदेश की जनता अब आपकी झूठी घोषणाओं, एक्टिंग और जेब में नारियल लेकर घूमने के अभिनय से त्रस्त हो चुकी है। जनता ने नए साल में नई सरकार बनाने का संकल्प ले लिया है। बेहतर होगा आपके कार्यकाल के जो कुछ महीने बचे हैं, उसमें आप 18 साल से चली आ रही झूठ की परंपरा को छोड़कर जनता की थोड़ी बहुत सेवा कर लें।

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