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सीहोर जिले की सीमा में पशुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा

सीहोर. लंपी वायरस का प्रकोप फैलता जा रहा है। पशु सुरक्षा को देखते हुए कलेक्टर ने वायरस से बचाव के लिए पशु मेला, पशु हाट बाजार और पशुओं के परिवहन पर प्रतिबंध लगाया है। कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने दंड प्रक्रिया 1973 की धारा 144 के तहत आदेश दिए हैं कि किसी भी राज्य से सीहोर जिले की सीमा में पशुओं का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।

लंपी स्किन डिजीज पशुओं की एक वायरल बीमारी है, जो पॉक्स वायरस से पशुओं मे फैलती है। यह रोग मच्छर, काटने वाली मक्खी एवं टिक्स आदि से एक पशु में फैलता है। एक पशु को होने पर यह उसके संपर्क में आने वाले दूसरे पशुओं में पहुंच जाता है। वर्तमान में जिले में कुछ पशु संक्रमित हुए हैं जो उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। यह संक्रमण गाय एवं भैस में फैलता है, मुख्यत: गोवंश में ज्यादा फैलता है। कलेक्टर ठाकुर के आदेश से हितग्राही मूलक योजनाओं में प्रदाय किए जाने वाले पशु मुक्त रहेंगे। यह आदेश 16 सितम्बर से आगामी आदेश तक प्रभावशील रहेगा। यदि कोई इस अवधि में आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ धारा 188 की कार्रवाई की जाएगी।

पशु चिकित्सा विभाग ने तेज की मॉनीटरिंगलंपी वायरस की स्थिति पर पशु चिकित्सा विभाग के अफसर नजर रखे हुए हैं। इसको फैलने से रोकने के लिए हर स्तर पर आवश्यक प्रयास किए जा रहे हैं। पड़ोसी राज्यों से पशुओं का प्रवेश रोका जा रहा है। पशुओं को आइसोलेट करने और अन्य उपाय के संबंध में पशुपालकों को जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 3 हजार 314 पशु लंपी वायरस से प्रभावित हैं। इसमें 2 हजार 742 पशु स्वस्थ हो गए हैं और 38 की मौत हुई। अब तक 1 लाख 49 हजार 530 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।

सीहोर जिले में चार लाख 80 हजार दुधारू पशु हैं। जिले में प्रतिदिन 4 लाख 80 हजार लीटर दूध का उत्पादन होता है। इस दूध को 461 दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से भोपाल दुग्ध संघ खरीदता है। जिले में 13 मिल्क रूट और 100 कंटेनर की मदद से दूध सप्लाई की जाती है। जिले में रजिस्टर्ड किसान की संख्या तीन लाख 18 हजार है, जिसमें से ज्यादातर दुग्ध उत्पादन से जुड़े हैं।

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