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मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए किसान ने आत्महत्या की – मंत्री भूपेन्द्र सिंह

  • कांग्रेस ने जारी किया परिजन का वीडियो, मंत्री से पूछा, फसल ख़राब हुई या नहीं? नगरीय प्रशासन मंत्री क्यों दे रहे सफाई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ज़िले सीहोर में किसान की आत्महत्या पर शिवराज सरकार में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने मीडिया से कहा है कि सीहोर जिले में किसान द्वारा आत्महत्या की वजह फसल खराब होना नहीं है। किसान के चार आपरेशन हो चुके थे और उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए उन्होंने आत्महत्या की। कांग्रेस ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज करवाई है। ये वही भूपेन्द्र सिंह हैं जिन्होंने ने 2016 में गृहमंत्री के रूप में विधानसभा में कहा था कि उस समय सीहोर के किसान फसल खराब होने की वजह से नहीं भूत-प्रेतों के कारण आत्महत्या कर रहे हैं।

बुधवार को सीहोर ज़िले के गुड़भेला गांव में किसान बाबूलाल वर्मा ने खेत में ही फांसी लगा ली थी। बताया गया कि किसान बाबूलाल अपनी सोयाबीन की फसल खराब होने से परेशान थे। इस मामले पर कांग्रेस आक्रामक हुई तो देर शाम नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अपने निवास पर मीडिया से चर्चा की। उन्होंने किसान बाबूलाल वर्मा की आत्महत्या पर कहा कि किसान के पुत्र ने ही कहा है कि उसके पिता लंबे समय से बीमार थे। उनके चार आपरेशन हो चुके थे और उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए उन्होंने आत्महत्या की।

मंत्री सिंह ने कहा कि यह आरोप गलत है कि किसान ने फसल खराब होने के कारण आत्महत्या की। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वयं हाल में बाढ़ और अतिवृष्टि के मामले में कहा है कि फसलों को क्षति और अन्य नुकसान के मामले में सरकार अधिक से अधिक राहत राशि और सहायता देगी। किसी को चिंता करने या घबराने की जरुरत नहीं है।

कांग्रेस ने पूछा- क्या फसल खराब नहीं हुई थी?

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान पर कांग्रेस ने तीखी आपत्ति दर्ज करवाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ के मीडिया संयोजक नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट किया है कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र सिहोर के किसान बाबूलाल वर्मा के फ़सल ख़राब होने पर की गयी आत्महत्या के मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह सफ़ाई देते हुए कह रहे है कि मृतक किसान के चार ऑपरेशन हो चुके है और उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी तो क्या उनकी फ़सल ख़राब नहीं हुई? उन्होंने वीडियो जारी कर बताया कि परिजन फसल बिगड़ने को मुख्य वजह बता रहे हैं। 

सलूजा ने पूछा है कि आत्महत्या से ऑपरेशन का क्या संबंध? मंत्री जी, ये बताये मृतक किसान था की नहीं और उसकी फ़सल ख़राब हुई या नहीं? और फिर इस घटना पर कृषि मंत्री और गृह मंत्री को छोड़ नगरीय प्रशासन मंत्री क्यों सफ़ाई देने सामने आये, ये उनके विभाग का मामला नहीं? इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करके आरोप लगाया था कि सीहोर में किसान ने फसल खराब होने के कारण आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित बड़े हिस्से में सोयाबीन की फसल खराब हुयी है। वर्तमान स्थिति में तात्कालिक राहत की आवश्यकता है, लेकिन संकट की इस घड़ी में कोरे भाषण दिए जा रहे हैं।

तब भूत प्रेत बताए थे किसान आत्महत्या का कारण 

साल 2016  के मानसून सत्र में सीहोर जिले में किसानों से खुदकुशी पर भी तत्कालीन गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने ऐसा हाई जवाब दिया था। कांग्रेस विधायक शैलेंद्र पटेल ने प्रदेश में बढ़ रही किसानों की आत्महत्या को लेकर सवाल किया। इस पर जवाब देते हुए गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि पिछले तीन साल में सीहोर जिले में 418 किसानों ने आत्महत्या की है। लेकिन फसल खराब होने के कारण किसी किसान ने आत्महत्या नहीं की। उन्हाेंने कुछ मामलों में किसानों की आत्महत्या के पीछे भूत-प्रेत को वजह बताया।

गृहमंत्री के इस विवादित बयान के बाद कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विधायक ने पूछा था कि ‘क्या सरकार भूत-प्रेतों पर विश्वास करती हैं।’ कांग्रेस ने तब भी आरोप लगाया था कि किसानों की मौत को सरकार गंभीरता से न लेते हुए उल्टे-सीधे बयान दे रही है। उ

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