एनआरए से चयनित होने वाले राज्य के युवाओं को कोई दूसरी प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी Education by mpeditor - August 21, 2020August 21, 20200 मध्यप्रदेश के युवाओं को ही शासकीय नौकरी देने के फैसले के बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। राज्य केंद्र सरकार की तरफ से एक देश-एक परीक्षा के कदम का लाभ लेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को कहा कि केंद्र की नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी (एनआरए) से चयनित होने वाले राज्य के युवाओं को कोई दूसरी प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। एनआरए की परीक्षा के अंकों के आधार पर बनने वाली मेरिट लिस्ट से राज्य के युवाओं को नौकरी मिल जाएगी। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश एनआरए से भर्ती करने का फैसला लेने वाला पहला राज्य है। राज्य सरकार के इस फैसले से प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड का काम आधे से भी कम रह जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, ‘अपने युवा बेटे-बेटियों के कल्याण के लिए हमने एक और अनूठा व क्रांतिकारी निर्णय लिया है। प्रदेश की शासकीय नौकरियों के लिए युवाओं को अलग से कोई परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही इन्हें प्रदेश की शासकीय नौकरियां मिलेंगी।’ अपने युवा बेटे-बेटियों के कल्याण के लिए हमने एक और अनूठा व क्रांतिकारी निर्णय लिया है।प्रदेश की शासकीय नौकरियों के लिए युवाओं को अलग से कोई परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी।#NRA द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही इन्हें प्रदेश की शासकीय नौकरियां मिलेंगी।— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 20, 2020 उन्होंने आगे लिखा, ‘मध्यप्रदेश की शासकीय नौकरियों पर केवल प्रदेश के युवाओं का हक होगा, यह हमने पहले ही तय कर दिया है। अब आपको बार-बार की परीक्षाओं के कारण होने वाले निरर्थक व्यय और आवागमन से भी मुक्ति मिल जाएगी। मेरे बच्चों तुम्हारा जीवन आनंददायी और बेहतर बने, यही मेरी प्राथमिकता है।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही नौकरी देने का अभूतपूर्व निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इससे युवाओं का जीवन सहज, सुगम बनेगा। देश के दूसरे राज्य भी मध्यप्रदेश की इस पहल को अपनाकर अपने प्रदेश के बेटे-बेटियों को बड़ी राहत दे सकते हैं।’