You are here
Home > Politics > छिंदवाड़ा निगम आयुक्त का तबादला, सरकार की ओछी राजनैतिक मानसिकता और दोहरे प्रशासनिक चरित्र का परिचायक: के.के. मिश्रा

छिंदवाड़ा निगम आयुक्त का तबादला, सरकार की ओछी राजनैतिक मानसिकता और दोहरे प्रशासनिक चरित्र का परिचायक: के.के. मिश्रा

भोपाल.

 प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष के.के. मिश्रा ने पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कमलनाथ के गृह जिले एवं श्री नकुलनाथ के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र छिंदवाड़ा के निगम आयुक्त श्री हिमांशु सिंह के राजनैतिक आधार पर किये गये तबादले को राज्य सरकार की ओछी राजनैतिक मानसिकता और दोहरे प्रशासनिक चरित्र का परिचायक बताया है। 

मिश्रा ने कहा कि श्री कमलनाथ जहां इस क्षेत्र के मौजूदा विधायक, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं, वहीं श्री नकुलनाथ इस संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचित सांसद हैं। उनके निवास पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों को एक-एक लाख रूपये के धनादेश (चेक) वितरण के अनौपचारिक समारोह में वहां मौजूद निगम आयुक्त श्री हिमांशु सिंह का तबादला घोर आपत्तिजनक है।
मिश्रा ने राज्य सरकार पर दोहरे प्रशासनिक मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर सरकार अपने स्थानीय चहेतों की शिकायत पर श्री हिमांशु सिंह के तबादले को यदि सिविल सेवा आचरण का उल्लंघन मान रही है, तो उसे यह भी बताना चाहिए कि भारतीय जनता पार्टी की 18 सालों से काबिज सरकार की केबिनेट के दौरान तत्कालीन भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री श्री कप्तानसिंह सोलंकी किस हैसियत से बैठे थे? इसी तरह तत्कालीन कृषि आयुक्त और मौजूदा अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा भाजपा के राजधानी भोपाल स्थित मुख्यालय दीनदयाल उपाध्याय भवन में बतौर एक शासकीय अधिकारी किस हैसियत से प्रजेंटेशन देने गये थे? जहां उन्होंने मौजूद भाजपाई समुदाय को अपना उद्बोधन भी दिया था? क्या यह उनका राज्यधर्म था?
मिश्रा ने मुख्यमंत्री निवास सहित अन्य कई मंत्रियों के आवासगृहों पर सरकारी अधिकारियों द्वारा निजी व पारिवारिक कार्यों में सीधी सहभागिता का भी आरोप लगाते हुए कहा कि यह सभी को ज्ञात है कि कौन-कौन अधिकारी, कौन-कौन से नितांत निजी कार्यों को, किन-किन शासकीय आवास गृहों में अंजाम दे रहे हैं, वह सरकार की निगाह मंे उचित है ! किंतु एक विधायक, पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा सांसद के आवास पर एक अनौपचारिक समारोह में निगम आयुक्त की मौजूदगी एक बड़ा अपराध है? कांग्रेस 14 महीने बाद संबंधितों से इसका हिसाब लेगी।

Top