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पिछले पांच माह में तीन दर्जन से ज्यादा नेताओं ने भाजपा छोड़ी

रीवा और बुदनी विधानसभा से भी कई नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा

रीवा – मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले लगातार भाजपा नेताओं का पार्टी से मोहभंग हो रहा है। पिछले पांच माह में तीन दर्जन से ज्यादा नेता भाजपा छोड़ चुके हैं। अब इसी कड़ी में बुधवार को भाजपा छोड़कर पूर्व सांसद बोधसिंह कांग्रेस क सदस्यता लेंगे। इसके अलावा रीवा और बुदनी विधानसभा से भी कई नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले असंतुष्ठ और नाराज नेताओं का मनमाने की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेताओं को सौंपी गई। इसके बावजूद भजपा से नेताओं का जाने का सिलसिला नहीं रूक रहा है। पार्टी में अधिकतर नेता भाजपा छोड़ने का कारण नए लोगों के आने से पुराने की उपेक्षा करना बता रहे है। उनका कहना है कि उनकी ना तो संगठन में पूछपरख हो रही है और उनकी कोई सुनवाई हो रही है। भाजपा के लिए मुश्किलें इसलिए बढ़ सकती है क्योंकि इनमें कई नेता का अच्छा जनाधार है। इसमें इसमें पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, विधायक और पूर्व जनप्रतनिधि के बच्चे शामिल है। अब बुधवार को बालाघाट से पूर्व सांसद बोधसिंह के साथ ही टीकमगढ़, रीवा और बुधनी से कई नेता कांग्रेस की सदस्यता लेने वाले है। इसमें वर्तमान विधायकों के नाम भी शामिल होने की चर्चा है। हालांकि इसको लेकर कोई कुछ नहीं कह रहा है।

इससे पहले यह कद्दावर नेता शामिल हुए

नर्मदापुरम के नेता और दो बार भाजपा के विधायक रहे गिरिजाशंकर शर्मा हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए। गिरिजाशंकर शर्मा पूर्व स्पीकर और विधायक सीताशरण शर्मा के भाई है। पूर्व सांसद माखन सिंह सोलंकी, सेवड़ा से पूर्व विधायक राधेलाल बघेल, जन संघ के संस्थापक सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के पुत्र और पूर्व मंत्री दीपक जोशी, पूर्व विधायक देशराज सिंह के पुत्र यादवेंद्र सिंह यादव, पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत, भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी समेत कई नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली।

कांग्रेस में भी विरोध हुआ शुरू

भाजपा से नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने का विरोध भी शुरू हो गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह नेता टिकट कटने के चलते कांग्रेस में शामिल हो रहे है। ऐसे में इनको पार्टी में भले ले लें, लेकिन यदि टिकट दिया गया तो इसका विरोध होगा। बालाघाट की कटंगी के नेता बोधसिंह का कांग्रेस ज्वाइन करने से पहले ही विरोध भी शुरू हो गया है।

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