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बालाघाट में खनन माफिया से जमीन छुड़ाने की कोशिश करने वाले किसान की मौत

किसान ने अपनी जमीन पाने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं

तिरोड़ी – बालाघाट की तिरोड़ी तहसील के ग्राम पौनिया निवासी किसान डुलीराम टेंभरे की खेत वाली जमीन पर मैगनीज खदान के संचालक ने कब्जा कर उसे खदान में तब्दील कर दिया। किसान ने अपनी जमीन पाने के लिए जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों के दरवाजे खटखटाए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके चलते 26 अक्टूबर को किसान की हृदयघात से मृत्यु हो गई। किसान के पुत्र का आरोप है कि खदान संचालक ने उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है और अपनी जमीन को प्राप्त करने के लिए न्याय पाने के चक्कर में उनके पिता इधर भटकते रहे। जिससे उनकी ह्रदयघात से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार पौनिया स्थित मेमर्स सुखदेव प्रसाद गोयनका मैगनीज खदान के संचालकों और कर्मियों द्वारा प्रशासन के भ्रष्ट व अकर्मण्य अधिकारियों के सहयोग के खदान से लगी हुई है। गरीब किसान डुलीराम पुत्र गंगाराम टेंभरे तथा सालिकराम पुत्र गंगाराम टेंभरे की निजी मालिकाना उपजाऊ जमीन में से एक एकड़ जमीन को शासन तथा किसान की अनुमति लिए बिना जबरन खोद कर वहां से लगभग सौ करोड़ रुपये का मैगनीज निकाल कर बेच दिया गया। जिससे गरीब किसान द्वय जमीन में बड़ा भारी गड्ढा हो गया है। किसान की उपजाऊ जमीन उपज योग्य नहीं रह गई। किसान द्वारा खनन कार्य का विरोध किए जाने पर खदान संचालक तथा उसके कर्मियों द्वारा जान से मारपीट कर जान से मारने की धमकी दी जाती रही। दूसरी ओर प्रशासन के पटवारी, तहसीलदार से लेकर जिलाधीश तक व पुलिस प्रशासन द्वारा उलटे किसान को ही सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाकर कार्रवाई किए जाने की धमकी दी जाती रही। जिसके कारण मजबूरन किसान को जिलाधीश से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधान सचिव भारत सरकार तक को शिकायत करनी पड़ी।लेकिन फिर भी न्याय नहीं मिल पाया। अंततोगत्वा समीपस्थ महाराष्ट्र के तुमसर जिला भंडारा निवासी मैगनीज व्यवसायी और सामाजिक कार्यकर्ता योगेश चौधरी द्वारा गरीब किसान द्वय को न्याय दिलाने के लिए कानूनी सहायता कराए जाने के बाद विगत 17 अक्टूबर 2023 को कटंगी स्थित जेएमसी कोर्ट में एक क्रिमिनल कंप्लेंट केश दाखिल किया गया है, लेकिन उक्त प्रकरण में प्रतिवादियों को नोटिस दिए जाने के पूर्व ही गरीब किसान द्वय में से एक किसान डुलीराम गंगाराम टेंभरे को ब्रेनपेरालेशिस हो जाने से तथा गरीबी के कारण समुचित उपचार तथा औषधि के अभाव में मृत्यु हो गई।

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