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जनहित पार्टी के संस्थापक अभय जैन ने कैलाश विजयवर्गी को दी कड़ी चुनौती

इन्दौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक से चुनावी मैदान में

इन्दौर – इन्दौर विधानसभा क्रमांक एक से पूर्व संघ प्रचारक और जनहित पार्टी के संस्थापक अभय जैन ने चुनावी मैदान में उतरने का मन बना लिया है। ज्ञात हो कि इन्दौर विधानसभा क्षेत्र क्रमांक एक से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की उम्मीदवारी के बाद यह विधानसभा राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गई है। अब यहां से कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ संघ प्रचारक अभय जैन के चुनाव लडने की खबर ने प्रदेश के राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी है। बता दें कि जनहित पार्टी के संस्थापक और पूर्व प्रचारक अभय जैन ने पार्टी स्थापना की भोपाल में हुई रैली में भी पहले तो एक नम्बर इन्दौर सीट से चुनाव लडने की संभावना जताई थी परन्तु उसके बाद इन्दौर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के अन्य सदस्यों की राय का हवाला देते एक नम्बर से कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ चुनाव में उतरने का निर्णय बदल लिया था। तब कारण पार्टी की प्रदेश में अन्य स्थानों पर उनकी सक्रियता आवश्यक होना बताया था परन्तु अब उन्हें इन्दौर विधानसभा एक नम्बर से जनहित पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। जनहित पार्टी ने जारी अपनी दूसरी सूची में इन्दौर एक से अभय जैन को तो इन्दौर दो से मेहुल गरजे को उम्मीदवार घोषित किया है। वहीं निवाड़ी से रामाधार वशिष्ठ, सतना से दीपशिखा सिंह, भोपाल गोविन्द पुरा से विशाल बिंदल, शाजापुर से हरिसिंह ठाकुर, खंडवा से प्रकाश ऐकले, पंधाना से श्रीमती छाया गोरे उम्मीदवार हैं।
ईएमएस ने जब जनहित पार्टी के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक पांच के उम्मीदवार डाक्टर सुभाष बारोड से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि एक नम्बर से अभय जैन कल नामांकन दाखिल कर रहे हैं। उन्होंने जनहित पार्टी के प्रत्याशियों के साथ नामांकन दाखिल करने में कलेक्टर कार्यालय अधिकारियों के द्वारा किए जा रहे असहयोगात्मक रवैया भी उजागर किया। डाक्टर बारोड का कहना है कि वे और उनकी पार्टी के प्रत्याशी जब नामांकन के लिए जिलाधीश कार्यालय पहुंचे तो वहां उन्हें फार्म में छोटी छोटी वर्तनी की गलतियां निकाल शब्दों के पर्यायवाची शब्द बता आपत्ति लेते उनसे उनका नामांकन फार्म नहीं लिया जा रहा है। उनका कहना है कि अधिकारी ये विशेष तौर पर जनहित पार्टी प्रत्याशियों के साथ ही कर रहे हैं अन्य पार्टियों के या निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ नहीं। अगर जनहित पार्टी प्रत्याशियों के साथ निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारी इसी तरह का वर्ताव करेंगे तो जनहित पार्टी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट आफिस के बाहर ही धरना देने का मन बना लिया है।
बहरहाल इन्दौर की चर्चित विधानसभा सीट एक नम्बर से बीस वर्ष तक संघ प्रचारक रहे जनहित पार्टी के संस्थापक अभय जैन के नामांकन दाखिल करने के बाद उनके नामांकन में निर्वाचन ड्यूटी पर तैनात अधिकारी कर्मचारी द्वारा किसी तरह की त्रुटि नहीं निकाल उसे स्वीकार कर लिया जाता है तो इन्दौर की इस विधानसभा सीट का मुकाबला रोचक हो त्रिकोणीय हो जाएगा, जिसमें सीधे सीधे नुकसान भाजपा प्रत्याशी को ही हो सकता है।

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