भोपाल का मास्टर प्लान गरीबों का दुश्मन, भाजपाईयों को जमीनों के माध्यम से बनायेगा अमीर Uncategorized by mpeditor - June 10, 2023June 10, 20230 अमीरों पर मेहरबनी से बढ़ेगी असमानता की खाई, कमलनाथ ने ली थी विशेषज्ञों की राय भोपाल – पूर्व मंत्री पीसी शर्मा एवं कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने एक पत्रकार वार्ता के माध्यम से भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि भोपाल का नया मास्टर प्लान बिल्डर माफिया से सांठगांठ का परिणाम है। क्योंकि बिल्डेबल एफएआर के नाम पर गरीबों का तो गला दबा दिया गया है, लेकिन अमीरों को 9 गुना एफएआर मुफ्त दिया गया है।पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि राजधानी के जिन नए क्षेत्र को विकास के लिए मास्टर प्लान में जोड़ा गया है उन क्षेत्रों में ही निम्न मध्यम वर्ग की क्रय शक्ति 400 से 600 रूपये वर्ग फीट की पहुंच में प्लाट उपलब्ध है। यानी भोपाल में मकान बनाने के लिए गरीब और निम्न मध्यमवर्ग आदमी ही इन्हीं क्षेत्रों में प्लाट खरीदेगा। इसे मास्टर प्लान में आरजी 4 कहा गया है। इस आरजी 4 में जो क्षेत्र चिन्हांकित किए गए हैं, उनमें फ्री एफएआर मात्र केवल 0.25 दिया गया है। इसका अर्थ है कि अगर कोई व्यक्ति इन क्षेत्रों में 800 वर्ग फीट का प्लाट खरीदता है तो वह केवल 200 वर्ग फुट निर्माण कर सकता है, अतिरिक्त निर्माण करने के लिए उसे बिल्डेबल एफएआर खरीदने की जरूरत पड़ेगी। जिसकी कीमत बिल्डेबल कलेक्टर गाईडलाइन का आधा होगा।श्री शर्मा ने कहा कि भोपाल में प्लाट तो इस क्षेत्र में 400 रुपये में भी उपलब्ध हैं मगर न्यूनतम बिल्डेबल गाईड लाईन 1200 रुपये है, यानि कि जितने का वह प्लाट खरीदेगा उसकी डेढ़ गुनी कीमत उसे भवन निर्माण अनुमति के लिये चुकानी पड़ेगी।भोपाल शहर के अन्य दो प्लान एरिया में यही फ्री एफएआर 1.25 यानी प्लाट एरिया का सवा गुना है और यहां पर इतना ही एफएआर अतिरिक्त खरीदा जा सकता है यानि जो बिल्डर लॉबी है, वह प्राइम एरिया में एफएआर खरीद कर भवनों की ऊंचाई बढ़ाकर तो पैसे कमा सकती है, लेकिन गरीब आदमी बिना पैसा दिए अपना स्वयं का मकान भी नहीं बना सकता।भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार ने जो ड्राफ्ट मास्टर प्लान बनाया था, शिवराज सरकार ने उसकी हूबहू नकल तो कर ली है, किंतु आर जी 4 में कमलनाथ सरकार द्वारा प्रस्तावित 1.25 फ्री एफएआर को घटाकर एक चौथाई कर दिया है, जिससे स्पष्ट है यह सरकार निम्न मध्यम वर्ग और गरीबों द्वारा अपना स्वयं का भवन निर्माण करने से ज्यादा बिल्डरों के बने बनाये मकानों को खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है। कांग्रेस पार्टी इस दोहरी नीति का विरोध करती है और विशेषज्ञों के साथ इस मास्टर प्लान पर आपत्ति दर्ज कराएगी।गुप्ता ने कहा कि जब भाजपा ने कमलनाथ सरकार का ड्राफ्ट मास्टर प्लान स्वीकार ही कर लिया है तो उसे अक्षरशः लागू क्यों नहीं करते? जिससे गरीब भी मकान का मालिक बन सकेगा और शहर की बाहरी सीमा को विकसित होने में वहां पर आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ेंगी। जिन क्षेत्रों में मात्र पाइंट टू फाइव एफएआर दिया जाएगा वहां पर कोई बिल्डर निवेश क्यों करेगा?नेता द्वय ने मांग की कि सरकार कमलनाथ सरकार के ड्राफ्ट मास्टर प्लान के अनुसार आरजी 4 और आरजी 3 में भी फ्री एफएआर सभी प्लान क्षेत्रों के बराबर करे, तभी इन क्षेत्रों में स्वयं भूखंड मालिक एवं बिल्डर निवेश करेंगे। मास्टर प्लान का वर्तमान स्वरूप पूर्व से विकसित क्षेत्रों पर दबाव बढायेगा, जिससे सीवेज डिस्पोजल, ट्रेफिक, चिकित्सा, शिक्षा से लेकर अन्य सभी नागरिक सुविधाएं दबाव में आ जायेंगी।एक तरफ भोपाल में गरीबों पर नकेल डाली गयी है, दूसरी तरफ उज्जैन के मास्टर प्लान में मंत्रियों और भाजपा के नेताओं की जमीनों को आवासीय बनाकर करोड़ों रुपए के बारे-न्यारे करवाए गए। यहां तक कि सिंहस्थ के लिए जिस सेटेलाइट टाउन की योजना बनाकर भूमि रिजर्व की गई थी, उस क्षेत्रफल को घटा दिया गया है। जिससे न केवल बढ़ती हुई आबादी के कारण श्रद्धालुओं की आने वाली संख्या को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, बल्कि 2028 का सिंहस्थ आयोजित करने में सरकार को दो-दो की पड़ेगी।भाजपा सरकार में जब महाकाल लोक में घोटाला किया जा सकता है तो जमीनों के हेरफेर में घोटाला करना क्या बड़ी बात है? भाजपा का हर नेता एक ही दिन में खरबपति बनना चाहता है और इसके लिए वह भगवान की सीमा में भी दखलअंदाजी कर माल बनाना चाहता है।सरकार भूमि उपयोग परिवर्तन की समीक्षा करें और उज्जैन के उन क्षेत्रों का लैंडयूज यथावत किया जाये। कांग्रेस सिंहस्थ क्षेत्र में दखल बर्दाश्त नहीं करेगी।