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रसूखदारों को मुनाफा मिले इसलिए 22 शहरों में लागू नहीं किया मास्टर प्लान

सागर, उज्जैन, रतलाम और ब्यावरा के मास्टर प्लान पर 2 साल से विचार नहीं किया

भोपाल – प्रदेश में 60 से ज्यादा शहर लेकिन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने 2 साल में केवल 38 शहरों के मास्टर प्लान ही लागू किए। रतलाम, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, सागर, सीहोर, विदिशा, आगर सहित प्रदेश के 13 शहरों के मास्टर प्लान नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने अटका रखे हैं। इनमें से सागर, उज्जैन, रतलाम और ब्यावरा के मास्टर प्लान पर 2 साल से विचार नहीं किया जा रहा है।
नतीजा ये हुआ कि इन प्रस्तावित मास्टर प्लान के व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्र की जमीनों को शहर के रसूखदार सस्ते दाम पर खरीद रहे हैं, अब मास्टर प्लान लागू होने के बाद जब इन जमीनों के दाम बढ़ जाएंगे तो करोड़ों का मुनाफा कमा लेंगे। रतलाम शहर में ही ऐसा हो रहा है। यहां दो साल पहले बंजली क्षेत्र के आसपास की जमीन 2.50 करोड़ रुपए हेक्टेयर थी, जो अब 5 से 6 करोड़ रुपए हेक्टेयर हो गई है। मास्टर प्लान लागू होने के बाद इस क्षेत्र की जमीन के भाव और बढ़ेंगे और जमीन की कीमत 10 करोड़ रुपए हेक्टेयर तक पहुंच जाएगी।

प्रस्तावित मास्टर प्लान के 2 क्षेत्र की हकीकत‎

‘मंदसौर में कलेक्टोरेट के पास खेती की जमीन 3 हजार रुपए स्क्वेयर फीट में बिक रही है। मंदसौर में इस वक्त सबसे महंगी लोकेशन कलेक्टोरेट रोड की है, यहां से लेकर निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज के आसपास करीब 400 बीघा जमीन शहर के 20 से 25 बड़े रसूखदारों की है, इसमें सत्तापक्ष से जुड़े लोग भी हैं। नजदीक ही कॉलोनियां भी हैं। कलेक्टोरेट भवन के आसपास के खेत (बाजार की भाषा में कच्चा माल कहते) की जमीन ही प्लाॅट के भाव में बिक रही, यहां 3 हजार रुपए स्क्वेयर फीट तक भाव हैं, जबकि जो खेत पीछे की ओर हैं वहां भाव 1500 रुपए स्क्वेयर फीट का है।

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