पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने उठाए EVM पर सवाल पूछा, विकसित देश क्यों नहीं इस्तेमाल करते ईवीएम Nation News Politics by mpeditor - November 3, 2020November 3, 20200 दिग्विजय सिंह के ट्वीट से सियासी गलियारों में मचा हड़कंप, ईवीएम के विवाद ने एक बार फिर से पकड़ी तूल, जर्मनी जैसे देश लगा चुके हैं ईवीएम पर प्रतिबंध भोपाल। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को मतदान शुरू होते ही ईवीएम मशीनों पर एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं। अमूमन चुनाव के बाद विपक्ष द्वारा ऐसे आरोप लगाए जाते थे लेकिन दिग्विजय ने इस बार मतदान शुरू होते ही ईवीएम को लेकर अपना मत जाहिर कर दिया है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि भारत और कुछ अन्य छोटे देश चुनावों में ईवीएम मशीन का उपयोग करते हैं। उन्होंने पूछा है कि बड़े और विकसित देश इसका इस्तेमाल क्यों नहीं करते? दिग्विजय सिंह ने मंगलवार सुबह किए गए अपने ट्वीट में लिखा कि ‘तकनीकी युग में विकसित देश EVM पर भरोसा नहीं करते पर भारत व कुछ छोटे देशों में EVM से चुनाव होते हैं। विकसित देश क्यों नहीं कराते? क्योंकि उन्हें EVM पर भरोसा नहीं है। क्यों? क्योंकि जिसमें चिप है वह हैक हो सकती है।’ कांग्रेस नेता पिछले कई वर्षों से ईवीएम मशीनों को लेकर अपना मत बता चुके हैं और ईवीएम के खिलाफ मुखरता से अपनी आवाज उठाई है। उन्होंने अपनी रैलियों में भी कई दफा ई मशीनों पर अविश्वास व्यक्ति किया है। Countries Using Ballot Paper for Votingतकनीकी युग में विकसित देश EVM पर भरोसा नहीं करते पर भारत व कुछ छोटे देशों में EVM से चुनाव होते हैं। विकसित देश क्यों नहीं कराते? क्योंकि उन्हें EVM पर भरोसा नहीं है। क्यों? क्योंकि जिसमें चिप है वह हैक हो सकती है। https://t.co/86s6UIls9C— digvijaya singh (@digvijaya_28) November 3, 2020 राज्य सभा सांसद ने पिछले माह भी एक वीडियो साझा करते हुए ईवीएम के प्रति चिंता जाहिर की थी जिसके बाद ईवीएम विवाद ने तूल पकड़ लिया था। उन्होंने सोशल मीडिया द्वारा कैम्ब्रिज एनालिटिका के आम चुनाव पर प्रभाव को लेकर वीडियो शेयर किया था। सिंह ने ईवीएम द्वारा होने वाले चुनावों को लोकतंत्र पर खतरा करार दिया था और लिखा था कि यदि ईवीएम का उपयोग बंद नहीं हुआ तो 2024 का चुनाव स्वतंत्र एवं गणतंत्र भारत का आखिरी चुनाव होगा। गौरतलब है कि 2014 लोकसभा चुनावों के बाद से ही देशभर में ईवीएम को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा ईवीएम को छोड़कर बैलेट पेपर पर वापस लौटने की मांग लगातार की जाती रही है। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान विविपैट होने के बावजूद एक बार फिर से ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल उठे थे। दिग्विजय सिंह भी लगातार ईवीएम के विरोध में मुखर रहे हैं। मध्यप्रदेश आम चुनाव के मतदान के बीच कांग्रेस नेता ने ईवीएम के मुद्दे पर बोलकर मामले को फिर से तूल दे दिया है। You are absolutely right Madam, EVM is destroying Indian Democracy through mass rigging of Parliament Elections in India through Technology. 2024 Parliament Elections may be the last Election in India if we Indians don’t wake up to go back to Ballot Paper. https://t.co/Dg31k88gdI— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 31, 2020 जर्मनी जैसे देश लगा चुके हैं ईवीएम पर प्रतिबंध भारत और ब्राज़ील के अलावा फिलीपींस, एस्टोनिया, वेनेजुएला, यूएई, जॉर्डन, मालदीव्स, नामीबिया, इजिप्ट, भूटान और नेपाल फिलहाल अपने आम चुनावों के लिए ईवीएम का इस्तेमाल कर रहे हैं। ईवीएम मशीनों की यथार्थता, विश्वसनीयता और सत्यापन को लेकर आए दिन नए सवाल खड़े होते हैं और कई बड़े और विकसित देश ईवीएम पर चुनाव के लिए भरोसा नहीं करते हैं। इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, द नीदरलैंड्स, आयरलैंड, इटली और अमेरिका जैसे विकसित और बड़े देशों ने ईवीएम मशीनों पर प्रतिबंध लगा रखा है। जर्मनी के सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम पर प्रतिबंध लगाए हुए कहा था कि ये मशीनें संविधान के खिलाफ है। कोर्ट का मानना था कि चुनाव में पारदर्शिता लोगों का संवैधानिक अधिकार है पर दक्षता संवैधानिक रूप से संरक्षित मूल्य नहीं है।