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अमित शाह को दिग्विजय सिंह का जवाब, कहा- PFI पर प्रतिबंध का विरोध कभी नहीं किया, BJP ने साथ चुनाव लड़ा

दिग्विजय सिंह का आरोप, अमित शाह ने 8 झूठ बोले

राजगढ़ – केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते दिन शुक्रवार को राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में जनसभा को संबोधित किया। भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर के समर्थन में सभा करते हुए शाह ने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह पर जमकर हमला बोला। अब दिग्विजय सिंह ने शाह पर पलटवार किया है।
कांग्रेस प्रत्याशी सिंह ने एक्स कर लिखा- अमित शाह जी ने अपने भाषण में 17 बार मेरा नाम लिया। यह उनका मेरे प्रति जो अपार प्रेम है वह दर्शाता है। मैं उनका आभारी हूं, लेकिन जो झूठ बोलने के संस्कार उनके गुरु (पीएम नरेंद्र मोदी) ने उन्हें दिये हैं वह उनके भाषण में 8 बार नजर आए।

दिग्विजय सिंह का आरोप, अमित शाह ने यह 8 झूठ बोले

झूठ: दिग्विजय सिंह की सलाह से राहुल गांधी ने घोषणा पत्र में मुस्लिम पर्सनल लोन डाला।
तथ्य: कांग्रेस के घोषणा पत्र में कोई मुस्लिम पर्सनल लोन नहीं है।

झूठ: दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद कहा।
तथ्य: मैंने कभी भगवा आतंकवाद शब्द का प्रयोग नहीं किया।

झूठ: दिग्विजय सिंह ने अफजल गुरु की फांसी का विरोध किया।
तथ्य: मैंने अफजल गुरु की फांसी को जल्द करवाने के लिए पत्र लिखा था कि उसे जल्द फांसी दी जाए।

झूठ: दिग्विजय सिंह ने PFI पर बैन लगाने का विरोध किया।
तथ्य: मैंने कभी PFI पर बैन का विरोध नहीं किया। सिमी पर सबसे पहले प्रतिबंध मेरी ही सरकार ने लगाया था। सच्चाई यह है कि भाजपा ने PFI की राजनीतिक इकाई के साथ कर्नाटक में गठबंधन करके लोकल चुनाव लड़ा।
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झूठ: दिग्विजय सिंह ने कहा कि कोरोना का टीका मत लगाओ
तथ्य: मैंने कभी भी कोरोना का टीका ना लगाने की अपील नहीं की।

झूठ: कोरोना महामारी में राजनीति की
सच्चाई और तथ्य: जब राजगढ़ जिले के लोग ऑक्सीजन और सिलेंडर के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे थे, तब मैंने दिल्ली से ऑक्सीजन सिलेंडर भेजकर इलाज की व्यवस्था कराई।
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झूठ: मेडिकल कॉलेज हमने दिया
तथ्य: राज्य में कांग्रेस की सरकार थी, जयवर्धन सिंह प्रभारी मंत्री थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से राजगढ़ जिला मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव केंद्र को भिजवाया।

झूठ: भोपाल रामगंज मंडी रेलवे लाइन हमने 2000 करोड़ प्रस्तावित किया।
तथ्य: 2000 – 2001 प्रस्ताव स्वीकृति वर्ष था, उस समय राज्य में कांग्रेस सरकार थी। लागत 2000 करोड़ नहीं, उस समय 3032 करोड़ रुपए रखी गई थी।

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