बिजली बिलों की गड़बड़ी ने मध्यप्रदेश की जनता को बेहाल किया Uncategorized by mpeditor - August 9, 2023August 9, 20230 सब्सिडी के दायरे से बाहर हो गए कई परिवार, क्योंकि मीटर रीडिंग में होती है लेट लतीफी भोपाल – आठ साल में बिजली कंपनी ने सही बिल देने को लेकर व्यवस्था में कई बदलाव किए हैं। इसके बावजूद बिजली बिलों में गड़बड़ी की हर महीने 400 से ज्यादा शिकायतें आ रही हैं। हाल ही में डीआईजी बंगला इलाके के रहवासी महबूब खान को 500 यूनिट खपत का 4545 रुपए का बिल दिया गया था।कैश काउंटर पर उनसे 4849 रुपए जमा करवाए गए, क्योंकि बिजली दफ्तर के कम्प्यूटर में यही राशि डिस्प्ले हो रही थी। उनकी पत्नी रौनक जहां ने बिजली दफ्तर में शिकायत दर्ज कराई। इसी तरह रचना नगर इलाके की एक महिला उपभोक्ता (नाम नहीं छापने का आग्रह किया) को दिए मई के बिल में बकाया जीरो बताया था। जून के बिल में उनका एरियर 1634 रु. बता दिया गया।कंपनी ने 2015 से अब तक बिलिंग से जुड़े दो सॉफ्टवेयर बदले हैं। कोविड के पहले तक कस्टमर केयर एंड बिलिंग (सीसीएंडबी) सॉफ्टवेयर इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके बाद नेक्स्ट जेनरेशन बिलिंग (एनजीबी) सॉफ्टवेयर से बिलिंग की जा रही है। इसके बावजूद गड़बड़ी जारी है। तीन साल में यह व्यवस्थाएं बदलीं उपभोक्ताओं के लिए सेल्फ मीटर रीडिंग फोटो व्यवस्था लागू की गई। मीटर रीडर के लिए स्पॉट से हैंडहेल्ड डिवाइस में मीटर की फोटो अपलोड करना अनिवार्य किया गया।हर महीने ऑडिट करके रीडिंग में गड़बड़ी करने वाले मीटर रीडर की सैलरी रोकने, बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। ऊर्जा मंत्रालय एवरेज बिल देने पर पिछले साल ही रोक लगा चुका है। इस वजह से आ रहे हैं गलत बिल स्पॉट बिलिंग करने वाले मीटर रीडर कुछ इलाकों में डाउनलोडर निकालने के दो, तीन दिन बाद बिल दे रहे हैं। इसमें जोन ऑफिस से डिस्कनेक्शन या अन्य कोई चार्ज जोड़ दिया जाता है। रीडर मीटर की धुंधली फोटो लेकर हैंड हेल्ड डिवाइस के जरिए सिस्टम में अपलोड करते हैं। इस कारण सही अमाउंट का बिल नहीं बन पाता। यह भी गड़बड़ी सेकंड स्टॉप एरिया के रहवासी आरके बंजारी के यहां चार दिन की देरी से रीडिंग होने से 150 यूनिट की जगह 164 यूनिट का बिल दे दिया। इस वजह से वह सब्सिडी मिलने की योजना के दायरे से बाहर हो गए। इसकी शिकायत उन्होंने बिजली दफ्तर में दर्ज कराई।गोविंद गार्डन एरिया के रहवासी एके शर्मा को अप्रैल में 371 रु. का बिल मिला। मई में 1250 और जून में 1291 रु. का बिल दे दिया गया।