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आलाकमान ने एमपी के सीएम को बताई मैदानी हकीकत, कहा- 200 छोड़ो सरकार बनाने की सोचो

तीन दिन में शिवराज के पास पहुंची सैकड़ों शिकायतों की पोटली

भोपाल – एंटी इनकम्बेंसी, बगावत और वर्चस्व की लड़ाई के बाद हाईकमान ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को निर्देश दिया है कि जिलावार कोरग्रुप की बैठक करें और मैदानी हकीकत की रिपोर्ट बनाकर दें। आलाकमान के निर्देशानुसार सीएम पिछले दो दिनों से जिला भाजपा कोरग्रुप की बैठक कर फीडबैक ले रहे हैं। इस दौरान विधायकों और पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के सामने ही प्रभारी मंत्रियों को जहां खरी-खोटी सुनाई है, वहीं सीएम से कहा है कि 200 सीटें जीतने की बड़ी-बड़ी बातें करने की बजाय सरकार बनाने की सोचें। तीन दिनों की बैठक में सत्ता, संगठन और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ एक सैकड़ा से अधिक शिकायतें सीएम के पास पहुंची हैं। गौरतलब है कि भाजपा ने अपने मिशन 2023 के लिए 200 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। सत्ता और संगठन को भी विश्वास है कि इस बार यह लक्ष्य पा लिया जाएगा। लेकिन जिला भाजपा कोरग्रुप की बैठक में पदाधिकारियों ने जमीनी हकीकत बयां की तो मुख्यमंत्री भी पसोपेश में पड़ गए। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारा नेतृत्व, हमारी केंद्र और राज्य सरकारों की गरीब कल्याण की योजनाएं और हमारा संगठन तंत्र हमारी ताकत है। इन्हीं के बल पर मप्र में फिर सरकार बनाएंगे।

सिंधिया के मंत्रियों की खोली पोल

भाजपा सूत्रों का कहना है कि हाईकमान से मिले निर्देश के बाद सत्ता और संगठन ने समन्वय बनाने के लिए जिले के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करना शुरू कर दिया है। इन बैठकों में सिंधिया समर्थक मंत्रियों के खिलाफ विधायकों और कार्यकर्ताओं में रोष सामने आया है। सीएम हाउस में हुई गुना, शिवपुरी और अशोकनगर जिले के भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में कोलारस से भाजपा विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी ने मुख्यमंत्री से पंचायत मंत्री और शिवपुरी जिले के प्रभारी मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया की शिकायत की। आरोप लगाया कि सिसोदिया भाजपा के कार्यकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज करवा रहे हैं। रघुवंशी ने सीएम से कहा कि इस तरह की बैठक का मतलब नहीं है। जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा रहे हैं। इसके बाद वे उठकर बैठक से जाने लगे, तो सीएम समेत अन्य पार्टी नेताओं ने उन्हें रोका। विधायक को समझाइश दी गई।

अब काम करवाकर क्या होगा

सूत्रों का कहना है कि बैठक में पदाधिकारियों ने बताया कि जिले में विकास कार्य नहीं होने के कारण जनता में आक्रोश है। इस पर सीएम ने पदाधिकारियों से पूछा कि जब सरकार हर वर्ग के लिए इतनी अच्छी योजनाओं का लाभ दिला रही है, तो आखिर क्यों यह माहौल बन रहा है कि भाजपा सरकार नहीं आ रही है। भाजपा नेताओं से सीएम ने सूची मांगी कि विधानसभा चुनाव के पहले कौन से ऐसे काम किए जा सकते हैं। इसके बाद पब्लिक पर अच्छा असर हो और उसका फायदा पार्टी को मिले। इस पर पदाधिकारियों ने कहा कि अब काम करवाकर क्या होगा। समय पर तो किसी ने हमारी सुनी ही नहीं।

सत्ता और संगठन से कोई खुश नहीं

सूत्रों का कहना है कि तीन दिनों के दौरान जिन-जिन जिलों के पदाधिकारी बैठक में शामिल हुए उन सभी का कहना है कि सत्ता और संगठन से इस बार कोई खुश नहीं है। पिछले तीन साल के दौरान न तो पदाधिकारियों और न ही कार्यकर्ताओं को किसी ने महत्व दिया है। विधायक भी उपेक्षित हैं। विधानसभा क्षेत्रों में काम नहीं होने से जनता भी सवाल-जवाब कर रही है। हमारी न तो मंत्री सुन रहे हैं और न ही अधिकारी। ऐसे में हम जनता के बीच कैसे जाएं। सूत्रों का कहना है कि जिला पदाधिकारियों की खरी-खोटी बात सुनकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी पसोपेश में पड़ गए।

पहले एफआईआर अब दिखावा कर रहे

सूत्रों का कहना है कि पहले दिन की बैठक में जब शिवपुरी जिले के पदाधिकारियों की बैठक हुई थी, उस समय कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी इतने नाराज हो गए थे कि वे बैठक से बाहर निकल आए। वहीं जोर से कहने लगे कि एक तरफ एफआईआर कराते हैं, दूसरी तरफ सीएम हाउस बुलाकर दिखावा करते हैं। हमें सीएम हाउस में बैठक करने और यहां खाने का शौक नहीं है। इस बीच, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा आए और उन्हें बैठक में ले गए। वहां उनसे कहा गया कि इस पर अलग से बात की जाएगी।

सीएम ने लिया फीडबैक

प्रदेश में एक तरफ जहां संगठन पूरी तरह मैदानी मोर्चे पर सक्रिय है, वहीं मुख्यमंत्री निरंतर चुनावी गतिविधियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले तीन दिन में अपने आवास पर कई जिला भाजपा कोरग्रुप की बैठक ली, जिसमें सीएम ने सदस्यों से पूछा कि उनके क्षेत्रों में विधायक, प्रभारी मंत्रियों के दौरे हो रहे है या नहीं। उनके द्वारा कार्यकर्ताओं को महत्व दिया जा रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की हितग्राही मूलक योजनाओं का सदस्यों से फीडबैक लिया और कहा कि इन योजनाओं का लाभ शतप्रतिशत पात्रों को मिलना चाहिए। इस मामले पर सभी को अपनी पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं के मप्र प्रवास को लेकर भी बैठक में चर्चा की गई। सूत्रों की माने तो बैठक में मुख्यमंत्री ने उनके क्षेत्र के विधायकों की वर्तमान स्थिति के बारे में भी चर्चा की। विशेषकर बैठक में मौजूद विधायकों से वन टू वन चर्चा हुई और उन्हें उनके रिपोर्ट कार्ड से अवगत कराया। सीएम ने विधायकों को बताया कि किस तरह से जहां कमी है, उसे दूर किया जा सकता है। बताया गया है कि आने वाले समय में मुख्यमंत्री अन्य जिलों की कोरग्रुप के साथ बैठक करेंगे।

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