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कॉपरेटिव बैंकों और सहकारी संस्थाओं में लंबे समय से बैठे प्रशासकों के खिलाफ कांग्रेस जाएगी कोर्ट

प्रदेश के 38 सहकारी बैंकों में 2012 से प्रशासक नियुक्त कर रखे हैं।

भोपाल- मप्र के कॉपरेटिव बैंकों और सहकारी संस्थाओं में नियमों को ताक पर रखकर लंबे समय से बैठे प्रशासकों के खिलाफ कांग्रेस अब कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है। मप्र अपेक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष और मप्र सरकार के पूर्व मंत्री भगवान सिंह यादव ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सांसद और वकील विवेक तन्खा, नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविन्द सिंह सहित कांग्रेस के सीनियर लीडर्स को लेटर लिखकर सहकारी संस्थाओं में प्रशासकों को बिठाने को न्यायालय में याचिका दायर करने की सलाह दी है।
यादव कहते हैं कि प्रदेश के 38 सहकारी बैंकों में 2012 से प्रशासक नियुक्त कर रखे हैं। हालात ऐसे हैं कि नियम विरूद्ध बैंकों का सरकारीकरण किया जा रहा है। प्रदेश में शिवराज सरकार सहकारी बैंकों के चुनाव नहीं करा रही है। प्रदेश में 4524 पैक्स संस्थाएं हैं लेकिन इनमें 95 प्रतिशत से ज्यादा पैक्स संस्थाओं में प्रशासक ही काम कर रहे हैं।

मप्र राज्य सहकारी बैंक(अपेक्स बैंक)- मई 2015 से प्रशासक
मप्र राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड)- 2018 से प्रशासक
मप्र राज्य सहकारी आवास संघ – 2007 से प्रशासक
मप्र मत्स्य महासंघ- 2004 से प्रशासक
मप्र सिल्क फेडरेशन- पंजीयन की तारीख से ही प्रशासक के जिम्मे
मप्र राज्य सहकारी बीज उत्पादक संघ- पंजीयन की तारीख से ही प्रशासक के जिम्मे
मप्र अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम- पंजीयन की तारीख से ही प्रशासक के जिम्मे
मप्र स्टेट डेयरी फेडरेशन- 2008 से प्रशासक
मप्र राज्य सहकारी शक्कर कारखाना संघ- पंजीयन की तारीख से ही प्रशासक के जिम्मे
मप्र लघु वनोपज संघ- 2020 से प्रशासक
मप्र राज्य सहकारी बैंक संघ- 2004 से प्रशासक
मप्र राज्य सहकारी औद्योगिक संघ- 2008 से प्रशासक

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