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बिजली कर्मचारियों का आंदोलन:प्रदेश भर से पहुंचे हजारों लोग, 13 सूत्रीय मांगों को लेकर रखी गई बात

लंबे समय से मांगे हैं अधूरी

भोपाल – राजधानी भोपाल में रविवार को बिजली कर्मियों ने आंदोलन किया। यह आंदोलन मध्यप्रदेश की विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के अंतर्गत हुआ। यह आंदोलन पुरानी पेंशन लागू करने, निजीकरण पर रोक लगाने समेत कुल 13 सूत्री मांगों को लेकर किया गया। इस दौरान प्रदेशभर से हजारों बिजली कर्मी भोपाल में जुटे। आंदोलन करने वाले बिजली कर्मियों ने बताया हम अपनी मांगों को लेकर यहां पहुंचे हैं। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मध्य प्रदेश कर्मचारी कल्याण समिति से रमेश चंद्र शर्मा , अखिल भारतीय उपाध्यक्ष भारतीय मजदूर संगठन से कृष्ण प्रताप सिंह , भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश महामंत्री मधुकर सांवले मौजूद रहे।

लंबे समय से मांगे हैं अधूरी

समिति के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मध्यप्रदेश बिजली विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, संविदा, आउटसोर्स कर्मचारी कई साल से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन यह मांगें अधूरी ही है। इसलिए यह बड़ा आंदोलन किया जा रहा है। इससे पहले विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने सभी 52 जिलों में कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए जा चुके हैं।

यह हैं मांगे

बिजली निजीकरण पर तत्काल रोक लगाई जाए।
सहायक अभियंता एवं कनिष्ठ अभियंता से भर्ती हुए अभियंताओं को द्वितीय और तृतीय उच्च वेतनमान में तीन स्टार विलोपित कर उच्च वेतनमान प्रदान किया जाए। 2018 के पूर्व नियुक्त बिजली कर्मियों की छठवां वेतनमान की वेतन विसंगति ग्रेड पे 2500 हेतु मूल वेतन 6510 की जगह 7440 से अधिक कर सातवें वेतनमान की मैट्रिक्स में सुधार किया जाए। 2018 के पश्चात नियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं का ग्रेड 3200 की जगह 4100 कर सातवें वेतनमान की मैट्रिक्स में संशोधन किया जाए।
पेंशन ट्रेजरी से प्रदान की जाए। 2006 के पश्चात भर्ती कार्मिकों हेतु एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन बहाल हो।
संविदा कर्मचारियों बिना शर्त नियमितीकरण किया जाए। वर्ष 2013 में भर्ती परीक्षण सहायक की भर्ती विसंगति दूर कर उन्हें नियमित किया जाए।
तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के बिजली कर्मियों को गृह कंपनी में ट्रांसफर किया जाए।
निष्कासित आउटसोर्स कर्मियों की वापसी की जाए। 20 लाख का दुर्घटना बीमा किया जाए। 15 हजार रुपए न्यूनतम वेतन निर्धारण कर उचित मानव संसाधन नीति बनाई जाए।
विद्युत कंपनियों में उच्च शिक्षा प्राप्त कनिष्ठ अभियंताओं को सहायक अभियंता एवं उच्च शिक्षा प्राप्त कर्मचारियों को भी पदोन्नत किया जाए।
ट्रांसमिशन कंपनी में आईटीआई योग्यता वाले कर्मियों को तृतीय श्रेणी में करते हुए हित लाभ प्रदान किया जाए।
क्लास वन के पदों से सेवा निवृत्त अथवा उच्च पद का चालू प्रभार उपरांत पदों को खाली मानते हुए उन पदों पर सहायक अभियंताओं की भर्ती की जाए।
बिजली विभाग के अधिकारी कर्मचारियों में व्याप्त वेतन विसंगतियों को समाप्त किया जाए।
फ्रेंच बेनिफिट लागू किया जाए।
इलेक्ट्रिसिटी वर्क प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए।
वर्षों से लंबित संगठनात्मक संरचना का तुरंत निर्धारण कर रिक्त पदों पर नई भर्तियां की जाए।
ऊर्जा विभाग द्वारा समस्त विद्युत कंपनियों को संगठनात्मक संरचना से संबंधित पत्र दिनांक 9 जून 2011 की कंडिका 2 को निरस्त किया जाए।
विद्युत कंपनियों में सेवाकाल के दौरान वर्ष 2012 के पूर्व एवं वर्तमान के नियमित संविदा एवं आउट सोर्स कार्मिकों को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए साथ ही पूर्व क्षेत्र कंपनी में नियमित कार्मिकों की मृत्यु पर कार्यालय सहायक के पदों पर संविदा पर अनुकंपा नियुक्ति के स्थान पर नियमित पदों पर नियुक्ति दी जाए।
सेवा निर्वित्त के बाद मिलने वाले सभी लाभ और भत्ते समय पर दिए जाए। विद्युत पेंशनरों की महंगाई भत्ता राज्य सरकार के बराबर हो।

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