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200 सीटों को जीतने का दावा करने वाली भाजपा को न्यूज चैनलों, न्यूज एजेंसियों और वेब चैनलों के सर्वे से लगा बड़ा झटका, सर्वे में सीएम फेस शिवराज की लोकप्रियता धड़ाम..

खरीदे हुए विधायकों वाली चौथी पारी पड़ रही है भाजपा के साथ शिवराज को भी भारी

नई दिल्ली/भोपाल – मप्र में भाजपा ने 200 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन सत्ता और संगठन के खिलाफ जबरदस्त एंटी इंकम्बेसी ने भाजपा के सारे सपने पर पानी फेर दिया है। हालही में कुछ न्यूज चैनलों, न्यूज एजेंसियों और वेब चैनलों के सर्वे से पार्टी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी जिस शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर बड़ी जीत का दावा कर रही थी, सर्वे में प्रदेश की जनता ने उन्हें नकार दिया है। यानी प्रदेश की जनता के बीच मामा के रूप में ख्यात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब उनको पसंद नहीं हैं। गौरतलब है कि मप्र विधानसभा की सभी 230 सीटों पर इसी साल चुनाव होना है। मप्र में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। प्रदेश में अभी भाजपा की सरकार है। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री हैं। शिवराज के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा सरकार सत्ता विरोधी लहर से लडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मतदाताओं को लुभाने के लिए कई लोकलुभावन योजनाओं और मुफ्त उपहारों की घोषणा की जा रही है। आगामी चुनाव से पहले ही भाजपा ने साफ कर दिया है कि शिवराज सिंह चौहान ही मुख्यमंत्री चेहरा होंगे। ऐसे में शिवराज के लिए बुरी खबर है।

  • शिवराज को केवल 24 फीसदी लोगों का समर्थन


एबीपी न्यूज के लिए सी वोटर ने सर्वे किया, इसमें जनता का कुछ और ही मूड है। सर्वे के अनुसार, जनता चाहती है कि भाजपा को मप्र विधानसभा चुनाव शिवराज सिंह चौहान नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेरे पर लडऩा चाहिए। सर्वे में सवाल किया गया कि भाजपा को मप्र में किसके चेहरे पर लडऩा चाहिए? इस पर सबसे ज्यादा 37 फीसदी लोगों ने कहा कि पीएम मोदी के चहेरे पर चुनाव लडऩा चाहिए, जबकि 24 फीसदी लोगों ने शिवराज का समर्थन किया।

  • सर्वे में मिला चौंकाने वाला जवाब

सी वोटर द्वारा किए गए ऑल इंडिया सर्वे में लोगों से सवाल किया गया कि भाजपा को मप्र में किसके चेहरे पर चुनाव लडऩा चाहिए। उनके सामने नरेंद्र मोदी, शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया का विकल्प रखा गया। इस सवाल के जवाब में 37 प्रतिशत लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 24 प्रतिशत लोगों ने सीएम शिवराज सिंह चौहान, 20 प्रतिशत लोगों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और 19 प्रतिशत लोगों ने पता नहीं कहा। सी वोटर ने इसी हफ्ते यह सर्वे किया है। इस सर्वे में 2064 लोगों से उनकी राय ली गई। सर्वे में मार्जिन ऑफ एरर प्लस माइनस 3 से प्लस माइनस 5 फीसदी है।

  • सिंधिया के कारण गिरी साख

उधर, न्यूज एजेंसियों और वेब चैनलों के सर्वे में कहा गया है कि सत्ता के लालच में मार्च 2020 में जब भाजपा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों से बगावत करवाकर सरकार बनाई तभी से पार्टी की साख लगातार गिरती गई। एक तो भाजपा में ही दो खेमे हो गए वहीं मूल भाजपाई दूर होते चले गए। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की साख भी गिरती गई। आज स्थिति यह है कि कभी प्रदेश की 70-75 फीसदी जनता की पसंद रहे शिवराज का अब 25 फीसदी लोग पसंद नहीं कर रहे हैं।

  • लोकप्रियता में कमलनाथ पड़ रहे भारी

न्यूज एजेंसियों और वेब चैनलों के सर्वे में दावा किया गया है की लोकप्रियता में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ मप्र के अन्य सभी नेताओं पर भारी पड़ रहे हैं। सर्वे में कहा गया है कि कमलनाथ की निर्विवाद छवि, स्पष्टवादिता जनता को खूब पसंद आ रही है। यही नहीं दावा किया गया है कि जहां शिवराज की सभाओं में प्रायोजित भीड़ जुट रही है, वहीं कमलनाथ को लोग सुनने आ रहे हैं।

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