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2.5 वर्ष बाद हत्या की FIR, 2021 में फांसी पर लटकी मिली थी नाबालिग

गुना – जिले के मधुसूदनगढ़ इलाके में नाबालिग की मौत के मामले में ढाई वर्ष बाद हत्या का केस दर्ज किया गया है। ढाई वर्ष पहले नाबालिग फांसी के फंदे पर लटकी हुई मिली थी। तब से इस मामले की जांच चल रही ही। अब ढाई वर्ष बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है।
मामला वर्ष 2021 का है। 8 सितंबर को सूचनाकर्ता उमराव सिंह(55) पिता बाल किशन लोधी निवासी ग्राम वापची ने स्वयं के मकान ग्राम वापची में पुलिस को मौखिक रिपोर्ट किया था। उसने बताया था कि आज शाम करीब साढे बजे की बात है। मैं गाँव में था। तभी मेरा लडका धीरज सिंह लोधी वहां पर आया। उसने मुझे बताया पापा मोनिका ने फांसी लगा ली है। फिर मैं धीरज सिंह के साथ घर गये तो मेरी लडकी मोनिका लोधी उम्र करीब 13 साल की छत पर पंखा के कुंदा से साडी का फंदा बनाकर फांसी पर लटकी हुई थी। मैनें मोनिका को देखा तो वह खत्म हो गई थी। फिर हमने पुलिस को खबर कर दी गई और मौके पर पुलिस आ गई। मेरी लडकी मोनिका ने फांसी क्यों लगाई इस बात की हमें कोई जानकारी नहीं है। पुलिस ने शव को पीएम के लिए भिजवाया और मर्ग कायम कर जांच शुरू की।
घटना के लगभग ढाई वर्ष बाद अब मधुसूदनगढ़ थाने में पदस्थ SI वीरेन्द्र सिंह परिहार ने इस मामले में जांच कर प्रतिवेदन पेश किया। उन्होंने अपने जांच प्रतिवेदन में बताया कि मर्ग क्रमांक 23/21 की जांच में मृतिका के पिता उमरावसिहं लोधी, मां रामसुखीवाई, भाई रोहित लोधी व धीरज लोधी, दौलतराम लोधी निवासी वापची और अन्य साक्षियों के विस्तृत कथन शामिल हैं। मर्ग की जांच में शव व घटनास्थल के निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी आरसी अहिरवार सीन आफ क्राइम मोबाइल युनिट गुना द्वारा अपने घटना स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन में बताया है कि मृतिका की गर्दन में रस्सी की गांठें सामने की ओर बंधी हुई थीं। गर्दन पीछे की ओर लटकी हुई थी। मृतिका के शरीर पर फांसी से हुई मृत्यु के अन्य लक्षणो के उपस्थित न होने से प्रथम द्रष्टया घटना संदेहास्पद परिस्थितियों मे घटित होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं। एमओ डॉ मुकेश शर्मा पीएचसी मधुसूदनगढ द्वारा मृतिका मोनिका लोधी की पीएम रिपोर्ट में हेंगिग शब्द का उल्लेख न करते हुये मौत का कारण हृदय गति का रुक जाना बताया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि मृत्यु का तरीका विसरा की जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा।
मृतका के शव परीक्षण की क्यूरी रिपोर्ट प्राप्त कर अवलोकन किया गया जिसमें एमओ मधुसूदनगढ द्वारा मृतिका के गले मे कोई लिगेचर मार्क नही पाया जाना, गले में साडी का फंदा जिसकी गठान गले के मध्य स्थित होना, मृतिका को मृत्यु पश्चात फंदे से लटकाया गया होना, मृत्यु फांसी से लटकने से पूर्व होना और मृत्यु की स्पष्ट व अन्य कारणो की जांच के लिए पुलिस विवेचना विसरा की फारेंसिक रिपोर्ट एवं वैजाइनल स्लाइड के परिणाम के आधार पर होना लेख किया गया है। पुलिस को एफएसएल ग्वालियर से विसरा जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इसी रिपोर्ट के आधार पर अब पुलिस ने ढाई वर्ष बाद मामले में हत्या की धारा में मामला दर्ज किया है। अज्ञात आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।

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