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सैकड़ों गौवंश मृत मिलने पर सरकार की फजीहत

शिवपुरी – शिवपुरी जिले के करैरा के ग्राम सिल्लरपुर व जुझाई क्षेत्र में सैकड़ों गौवंश मिलने के बाद अब इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है। दो अफसरों को वेतनवृद्धि रोकने के नोटिस जारी किए गए हैं। ग्वालियर संभाग आयुक्त दीपक सिंह ने इस मामले में करैरा नगर परिषद ताराचंद धूलिया और पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी करैरा डॉ. मनीष बांदिल को नोटिस दिए हैं। दोनों ही अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए ग्वालियर संभागायुक्त दीपक सिंह ने दोनों अधिकारियों की दो वार्षिक वेतनवृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने के नोटिस जारी कर दिए हैं। अधिकारियों को अपना पक्ष रखने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
करैरा से कुछ ही किमी दूर जुझाई की वन विभाग की नर्सरी में एक सैकड़ा से अधिक गोवंश के शव मिले थे। यह शव छह महीने तक पुराने थे जिससे साफ था कि इन्हें लंबे समय से यहां फेंका जा रहा है। मामला संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर ने करैरा एसडीएम को जांच के निर्देश दिए। एसडीएम करैरा, पशुपालन, नगरीय निकाय, वन प्रशासन द्वारा स्वयं गायों के शवों का निष्पादन कराया गया है। इस पर संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने मुख्य नगर पालिका अधिकारी करैरा ताराचंद घूलिया तथा पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारी करैरा डॉ. मनीष बांदिल को अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता बरतने में मध्यप्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन करने पर दो-दो वार्षिक वेतन वृद्धियां असंचयी प्रभाव से रोके जाने के लिए नोटिस जारी किया है। दोनों ही अधिकारियों को 15 दिवस के अंदर अपना उत्तर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। निर्धारित समय-सीमा में उत्तर प्राप्त न होने पर एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी।
शिवपुरी जिले के करैरा क्षेत्र में एक साथ गायों के इतने शव देखकर लोग हैरान थे। सैकड़ों गायों के शव जंगल में पड़े थे। ये गाएं शिवपुरी-झांसी राजमार्ग से महज कुछ ही मीटर को दूरी पर आरक्षित वन भूमि पर पड़ी थीं। इतनी बड़ी संख्या मृत गाएं देखकर ग्रामवासी हैरान परेशान थे कि ये गायें कहां से आईं, कैसे आईं और इसकी किसी को कानों कान खबर नहीं लगी। पहले ऐसी शंका जताई जा रही है कि गाएं, शहरी क्षेत्र से डंपरों लाकर रात के समय यहां पटकी गई हैं। बाद में प्रशासन को सूचनी मिली थी इस सभी शवों को कब्जे में लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने इन गायों के शवों का मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड नियमों के तहत निष्पादन की प्रक्रिया की गई।

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