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हमारी मांग थी ‘‘रोजगार दो या गिरफ्तार करो’’

सरकार ने गिरफ्तारी कर खुद की अक्षमता का प्रमाण दिया-डाॅ.विक्रांत भूरिया

भोपाल – मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस ने 13 फरवरी को प्रदेश स्तर पर ‘‘रोजगार दो या गिरफ्तार करो’’ आंदोलन के माध्यम से युवाओं के रोजगार, महिला असुरक्षा और आदिवासी अत्याचार को लेकर आंदोलन किया था। प्रदेश अध्यक्ष एवं झाबुआ विधायक डाॅ. विक्रांत भूरिया ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार, प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ निरंतर खिलवाड़ कर रही है । सरकार योजनाबद्ध तरीके से युवाओं के हक का मर्दन कर रही है । सरकार ने पहले सेवानिवृत्ति की आयु 58 से 60 वर्ष की कुछ वर्षों बाद उसे बढ़ाकर 62 वर्ष कर दिया और अब सरकार इसे 65 वर्ष करने जा रही है । जिसका सीधा असर 5 लाख रोजगार पर पड़ेगा। 5 लाख कर्मचारी जो सेवानिवृत्त होते, उससे नए रोजगार का सृजन होता और जिनकी पदोन्नति होती वह भी बाधित हुई। सरकार के इस रवैये से युवाओं की मानसिक छति हो रही है, जिसका हम निरंतर विरोध करते रहेंगे। अभी मैं और मेरे दोनां साथी युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष कुलदीप शर्मा एवं ब्योेहारी विधानसभा अध्यक्ष पुष्पेन्द्र पटेल तीन दिन तक जेल में रहे हैं, लेकिन हम आगे भी निरंतर लड़ने के लिए तैयार हैं।
डाॅ. भूरिया ने बताया कि पटवारी भर्ती में सरकार, पूर्णतः लीपापोती करने का काम कर रही है । हमारे प्रदेश स्तरीय आंदोलन को देखकर सरकार ने जल्दबाजी में पटवारी भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया शुरू करने हेतु पत्र जारी किया है, लेकिन पटवारी भर्ती पूर्णतः भ्रष्टाचार में लिप्त है, इसलिए हम इसकी ब्ठप् जांच की मांग कर रहे हैं। जरा कल्पना कीजिए एक ऐसा युवा जिसको यह जानकारी नहीं कि प्रदेश में कितने जिले हैं वह परीक्षा का टाॅपर कैसे हो सकता है ।
वर्तमान में निकली निविदा में मात्र 60 पदों पर भर्ती निकाली गई है जबकि सामान्यतः 500 से अधिक पदों पर भर्ती की जानी चाहिए थी । 2023 की मुख्य परीक्षा में भी 50 दिन का अंतर रखा गया है, जबकि सामान्यतः इसमें 90 दिवस का अंतर रहता था। इससे युवाओं को मानसिक दबाब महसूस हो रहा है ।
प्रदेश में रोजगार के हालात ऐसे हैं कि या तो भर्ती नहीं निकलती, निकलती है तो परिणाम नहीं आते, परिणाम आते हैं तो नियुक्ति नहीं दी जाती और यदि दी जाती है, तो उसमें भी भ्रष्टाचार सामने आ जाता है । प्रदेश में बेरोजगारी ने एक विकराल महामारी का रूप ले लिया है जिससे युवाओं को निजात दिलाना अब हमारी प्राथमिकता है ।
मोदी जी झाबुआ आये थे उन्होंने कहा था कि आदिवासियों के हितों के लिए काम करना ही मोदी की गारंटी है लेकिन उनकी वह गारंटी तत्कालीन दिवस की शाम तक ही नहीं टिकी, बैतूल में एक आदिवासी को चप्पलों से पीटा जाता है। एक आदिवासी युवक को नग्न कर उल्टा लटकाकर पीटा जाता है । आखिर यह कैसी गारंटी जिसमें मध्यप्रदेश आदिवासी अत्याचार में देश मंे प्रथम पायदान पर है। भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। देश-प्रदेश के आम जनमानस को भाजपा पूर्णतः ठग रही है। यह सब रोकने के लिए हमने पूर्णतः कमर कस ली है ।

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