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इलाज के लिए 200 किमी दूर जाना पड़ रहा

13 में से सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेजों में हार्ट के इलाज की सुविधा, एंजियोग्राफी तक नहीं

भोपाल – सागर के गोदू गांव के 55 वर्षीय संतोष सिंह पेशे से किसान हैं। 28 जनवरी 2024 को सीने में तेज दर्द हुआ। खुरई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे थे। यहां पर जांच के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें हमीदिया अस्पताल भोपाल रेफर कर दिया। 29 जनवरी को वे हमीदिया पहुंचे। यहां जांच के बाद पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक आया था। तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया।
5 दिन इलाज के बाद एंजियोग्राफी की सलाह दी गई है। संतोष का कहना है कि सागर में ही यही सुविधा मिल जाती तो 200 किमी दूर भोपाल क्यों आना पड़ता। संतोष की तरह हार्ट के न जाने कितने मरीजों को रोज इलाज के लिए इसी तरह 100 से 250 किमी दूर जाना पड़ता है। यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि प्रदेश भर के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में से सिर्फ 5 भोपाल, ग्वालियर, रीवा, इंदौर और जबलपुर में हार्ट अटैक के इलाज के पूरे इंतजाम हैं। इन पांच मेडिकल कॉलेजों में कैथलैब है। यहां पर एंजियोग्राफी और एंजियोप्लॉस्टी की सुविधा है। अलग से आईसीयू भी हैं। लेकिन, बाकी के 8 मेडिकल कॉलेजों में न तो कॉर्डियोलॉजिस्ट हैं और न ही कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट। इन सभी जगह मेडिसिन डिपार्टमेंट के भरोसे इलाज दिया जा रहा है।

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