शिवपुरी में दिन-रात चल रहा अवैध खनन…:माफिया ने 500 मीटर क्षेत्र में 11 पनडुब्बियां उतारीं Uncategorized by mpeditor - February 16, 2024February 16, 20240 चितारी घाट से दिन-रात निकाल रहे रेत शिवपुरी – रेत माफिया अंचल में बेखौफ होकर दिनदहाड़े अवैध रेत का उत्खनन और परिवहन कर रहा है। इसका ताजा उदाहरण करेरा क्षेत्र में सिंध के चितारी घाट पर देखने को मिला। जहां माफिया ने 500 मीटर क्षेत्र में ही 11 पनडुब्बियां उतार दी हैं और दिन-रात सिंध का सीना चीरकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है।चितारी घाट पर सिंध लबालब रहती है और इसकी तलहटी में काफी रेत जमा है। यही कारण है कि माफिया पनडुब्बियां डालकर रेत निकालकर किनारे पर इकट्ठा करता है, फिर बुलडोजर से डंपरों में भरकर परिवहन कर देता है। ऐसा नहीं कि प्रशासन, पुलिस और खनिज विभाग के अफसरों को इतने व्यापक स्तर पर हो रहे उत्खनन की जानकारी नहीं है, लेकिन अफसर यदा-कदा दिखावे की कार्रवाई कर इतिश्री कर लेते हैं।नदी से रेत निकालने के लिए माफिया एक विशेष प्रकार की पनडुब्बी का निर्माण कराते हैं। इसमें लोहे के पाइप की एक चेन बनाई जाती है, जिसका एक सिरा नदी किनारे की ओर होता है और दूसरा हिस्सा पानी के अंदर मौजूद रेत पर। यह दोनों सिरे डीजल इंजन से जुड़े होते हैं। यहां नाव में सक्शन पंप मशीन (पनडुब्बी) रखकर उसे नदी के बीच में ले जाया जाता है। सक्शन पंप मशीन चालू होते ही वह नदी से पानी के सहारे रेत को बाहर फेंकती है। इस पनडुब्बी की कीमत ~2.5 से 3 लाख होती है। नाव और पाइप पर करीब 1 लाख रुपए खर्च होते हैं। यह पनडुब्बी डीजल इंजन वाले ट्यूबवेल की तर्ज पर काम करती है।पनडुब्बियों से इको सिस्टम को खतरा… पानी से भरी नदी में तमाम जलीय जीव- जंतु रहते हैं। पनडुब्बियों से रेत खींचने से इन जीव-जंतुओं पर सीधा असर पड़ रहा है। इससे नदी का इको सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से कोई अभी तक जांच करने भी नहीं पहुंचा है। नियमानुसार, नदी जो रेत बाहर फेंक देती है, उसी को उठाया जा सकता है।