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जहां विकल्प नहीं, वहां बडे़ नेता लडे़ं चुनाव – पटेल

कांग्रेस सांसद राजमणि पटेल बोले-जो सीनियर चुनाव नहीं लड़ना चाहते वे सीट की जिम्मेदारी लें

भोपाल – एमपी की 29 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर कांग्रेस में मंथन चल रहा है। कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी, डॉ. गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा, अजय सिंह राहुल सहित तमाम सीनियर लीडर्स को लोकसभा चुनाव लड़ाने की मांग उठ रही है। अगले 7-8 तारीख को होने वाली बैठक में उम्मीदवारों के नामों का पैनल फाइनल हो जाएगा। लेकिन बडे़ नेताओं के चुनाव लड़ने पर असमंजस बना हुआ है। इस बीच कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने चुनाव लड़ने से इनकार करने वाले बडे़ नेताओं को लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी लेने की सलाह दी है। इस बारे में दैनिक भास्कर के सवालों पर पटेल ने जवाब दिए…

सवाल- आपका राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है। आप दोबारा राज्यसभा जाना चाहेंगे?
राजमणि- मेरा राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अब यह पार्टी के ऊपर है कि पार्टी किसे जिम्मेदारी देती है। विधायक से लेकर सांसदी तक हमने कभी मांग नहीं की। हमारे संघर्ष और कार्य को देखते हुए पार्टी ने जो समझा वो जिम्मेदारी दी और हमने उस जिम्मेदारी का निर्वहन किया। जो पार्टी का आदेश होगा करेंगे।

सवाल- विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए परिणाम अच्छा नहीं रहा था। ऐसे में लोकसभा को लेकर क्या तैयारी है?
राजमणि- विधानसभा में जो परिणाम रहे हैं वह सब जानते हैं कि किस तरह भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता का दुरुपयोग कर डर और भय दिखाकर सरकार बनाई है। लेकिन कांग्रेस वो पार्टी है जिनके कार्यकर्ता आजादी के लड़ाई में 100 साल तक कुर्बानी देते रहे लेकिन अपने लक्ष्य से नहीं डिगे। कांग्रेस का कार्यकर्ता विचारों की लड़ाई लड़ता है, सिर्फ पद के लिए नहीं लड़ता है। वो विचारों की लड़ाई लड़ेगा, दमदारी से लड़ेगा और जिसे भी पार्टी आदेश करेगी वो चुनाव लड़ेगा।

सवाल- एक बात चल रही है कि बड़े नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए, इस पर आप क्या कहेंगे?
राजमणि- निश्चित रूप से जहां विकल्प नहीं है वहां बड़े नेताओं को चुनाव लड़ना चाहिए। उससे कार्यकर्ताओं का भी मनोबल बढ़ता है और अगर वो नहीं लड़ते हैं तो उन्हें जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि इस सीट की हमारी जिम्मेदारी है, हम यहां से लड़वाएंगे और जीतवाएंगे।

सवाल- आपकी गिनती बड़े नेताओं में होती है, तो क्या आप चुनाव लड़ रहे हैं?
राजमणि- हम बड़े नेताओं में नहीं आते हैं। हम तो बस पार्टी के कार्यकर्ता हैं। हमेशा पार्टी ने आदेश दिया है हमने पालन किया है। हमने पूरे मध्यप्रदेश में ओबीसी को जगाने का काम किया है। 3-3 बार प्रदेश में यात्रा निकाली है, पूरे प्रदेश में गरीब और पिछड़े वर्ग का साथ और विश्वास हमारे साथ है। पार्टी जहां से भी कहेगी दमदारी के साथ चुनाव लड़ेंगे।

सवाल- रीवा आपका क्षेत्र है, खजुराहो में भी ओबीसी उम्मीदवार की मांग हो रही है? आप कहां से लड़ेंगे?
राजमणि- ये मांग उनका प्यार और स्नेह है, जिनके बीच हमने काम किया है। लेकिन पार्टी जहां से निर्देश करेगी वहां से लडे़ंगे।

सवाल- कांग्रेस में लगातार लोग टूट रहे हैं। सिहोरा से कांग्रेस की विधानसभा प्रत्याशी एकता ठाकुर ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। इसे कैसे रोकेंगे?
राजमणि- कुछ लोग त्याग के रास्ते पर चलते हैं। कुछ नहीं चल पाते वे थक जाते हैं, कुछ हताश हो जाते हैं। कुछ की व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा पूरी नहीं हो पाती, इसके साथ कारण छोड़ देते हैं। अलग-अलग विचार और कारण होते हैं। लेकिन जो समर्पित और जमीनी लोग हैं। जो समाज और देश को मानते हैं, जिनके लिए देश बड़ा है। वो विषम परिस्थिति में भी संघर्ष करते हैं और आगे बढ़ते हैं।

सवाल- स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में क्या कुछ चर्चा हुई?
राजमणि- बैठक में सभी नेताओं के मन की बात को सुना गया और रायशुमारी की गई। वहीं, इस पर भी चर्चा हुई कि बड़े लोगों को भी लड़ना चाहिए। बुजुर्ग, युवा और महिलाओं के साथ क्षेत्रीय और जातीय समीकरण और विनिंग कैंडिडेट का सामंजस्य बनाकर चुनाव लड़ना चाहिए।

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