You are here
Home > Uncategorized > इंदौर में शुक्ला-पटेल की ‘आभार पोस्ट’ पर रिएक्शंस की बाढ़

इंदौर में शुक्ला-पटेल की ‘आभार पोस्ट’ पर रिएक्शंस की बाढ़

वसीम बरेलवी का शेर लिखा तो पूर्व विधायक ने कमेंट्स ब्लॉक किए

इंदौर – इंदौर को दो पूर्व विधायकों के पार्टी बदलने के बाद उनके सोशल मीडिया पोस्ट पर अजब गजब रिएक्शन आए। इंदौर-1 के पूर्व विधायक संजय शुक्ला और देपालपुर के पूर्व विधायक विशाल पटेल ने जैसे ही सोशल मीडिया पर अपनी नई पहचान सार्वजनिक की तो उन्हें पब्लिक का गुस्सा मिला।
एक सोशल मीडिया यूजर ने मशहूर शायर वसीम बरेलवी का शेर ‘उसी को जीने का हक है जो इस जमाने में, इधर का लगता रहे और उधर का हो जाए’ लिख अपनी प्रतिक्रिया दी। जो पिछले तीन दिनों से काफी ट्रेंड हो रहा है। दरअसल भाजपा में शामिल होने के बाद दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया पर आभार पोस्ट की थी।
इसके बाद सोशल मीडिया पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई। लोग खिंचाई भी कर रहे हैं। कमेंट्स देखकर हालात ये हो गए कि कुछ ही देर में पूर्व विधायक संजय शुक्ला को कमेंट्स पर रोक लगाना पड़ी।

पढ़िए संजय शुक्ला और विशाल पटेल के नए राजनीतिक सफर पर लोगों ने क्या क्या टिप्पणी की

संजय सेवक : कितनी जल्दी सुर बदल जाते हैं। यदि कोई आपको आपके पुराने बयान जो आपने बीजेपी के खिलाफ दिए हैं अगर याद दिला दे तो क्या हाल हो।

भूपेंद्र श्रीवास्तव : आज ही मैं unfollow कर रहा हूं।

टेकराम चौहान : पूर्व विधायक हटा दो, क्योंकि पूर्व विधायक बनने का सौभाग्य आपको कांग्रेस पार्टी ने दिया और अब एन वक्त में पार्टी को आपकी जरुरत थी तो आपने पार्टी को छोड़ दिया। आपके जैसा खुदगर्ज व्यक्ति मैंने मेरी लाइफ में नहीं देखा।

अशोक जैन – पहले ही पार्टी बदल लेते ताकि सेवा के बहाने मलाई खाते रहते।

शैलेंद्र बना ठि.बरगोलिया : करप्शन से फटी पड़ी तो दल बदल लिया। डूब के मरो।

धर्मेंद्र शिंदे : तुमको टिकट दिया हार गए। कमाने को पैसा मिल नहीं रहा इंसानियत मर चुकी है तुम्हारी।

आनंद सिंह : अब पार्षद बनेंगे शुक्लाजी।

कमरुद्दीन दाउदी : पहले बहुत से लोग भारतीय जनता पाटी में शामिल हुए हैं। उनको देख लेते पहले।

सेकू पठान : 145 करोड़ बचा लिए बीजेपी आकर। अब टैक्स नहीं देना पड़ेगा। अब आप सबसे ईमानदार नेता हो गए हो।

विशाल शर्मा : वैसे भी आप कांग्रेसी थे ही नहीं।

विशाल पटेल की पोस्ट पर लोगों के कमेंट

रवि परमार : बहुत अच्छे भईया, आप उन कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को धोखा देकर गए हो जिन्होंने आपके लिए दिन-रात मेहनत की है। आज आपने अपने निजी स्वार्थ के लिए उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।

सुरेंद्र सिंह राजपूत : आपने उन कार्यकर्ताओं के विश्वास और खून-पसीने की मेहनत को धोखा दिया, जिन्होंने आपको पवित्र सदन विधानसभा में अपनी मेहनत से भेजा था।

रोहित चौधरी : कार्यकर्ता इनके लिए लड़ते हैं और ये लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए पार्टी बदल लेते हैं।

सुमित प्रताप सिंह : स्वाभिमान जिंदा है या मर गया।

हिमांशु मीणा : ये क्या बात हुई भईया, हम आपके लिए पूरी पंचायत से लड़ाई करके बैठे हैं और आप अपने निजी स्वार्थ के लिए पार्टी बदल कर बीजेपी में शामिल हो गए।

विजय चौहान : 2 दिन पहले बदनावर गए थे और आज भाजपा में। इतनी जल्दी आप लोगों की विचारधारा कैसे बदल जाती है। समझ से परे है।

धर्मेंद्र सोलंकी : लजवा दिया। कुछ नहीं होना है आपका। अब राजनीति खत्म। कहीं का भी गमछा पहन लो।

संदीप घुसींगा : कितने पैसे में बिके हो।

रोहित सिसोदिया : कार्यकर्ताओं की आत्माओं को मारते हैं आप जैसे नेता।

महेंद्र चौहान : आपके भी उसूलों पर आंच आ गई क्या…?

अनिल मालवीय : राजनीति के चक्कर में ना पड़े ये लोग सत्ता पाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं।

मनीष बागड़ी : वाह…गिरगिट भी नहीं बदलता है इतनी जल्दी।

विनोद गेहलोत बाकुर्ली : उन कार्यकर्ताओं का भी ध्यान रखना जिसे आपका और आपके पिताजी के लिए न जाने किन-किन लोगों से दुश्मनी ली। आपके लिए दिन-रात एक किया। ऐसा न हो उन कार्यकर्ताओं का राजनीति और आपके जैसे नेताओं पर से भरोसा उठ जाए।

Top