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अनुसूचित जाति वर्ग के 2150 छात्र-छात्राओं को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं

सरकारी सिस्टम की लापरवाही की वजह से पिछले चार-पांच माह से खाने की राशि इन्हें नहीं मिल पा रही

भोपाल – एक तरफ प्रदेश की शिवराज सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के छात्र-छात्राओं को सुविधा देने के बड़े बड़े दावे करती है, वहीं दूसरी राजधानी भोपाल में सरकार की नाक के नीचे अनुसूचित जाति वर्ग के 2150 छात्र-छात्राओं को दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है। भोपाल में अनुसूचित जाति वर्ग के 52 छात्रावास संचालित हो रहे है। जिसमें लगभग 2150 छात्र-छात्राएं रह रहे है। इन छात्रों को छात्रावास में खाने के लिए प्रति छात्र 1395 रुपये महीना मिलता है। लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही की वजह से पिछले चार-पांच माह से खाने की राशि इन्हें नहीं मिल पा रही है। जिसके चलते छात्रावास में मेस संचालको को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मेस संचालक उधारी पर छात्रों के खाने की व्यवस्था करने को मजबूर है। भुगतान न होने पर अब उधारी मिलना भी बंद हो गई है। वहीं कई छात्रावास में छात्र-छात्राएं खाने के लिए तरस रहे है। वर्तमान में सरकार को मेस संचालकों को लगभग 1 करोड़ 20 लाख की राशि का भुगतान करना है। इस राशि का भुगतान नहीं होने के कारण अब मेस संचालको ने हाथ खड़े कर लिए है। सूत्र बताते है कि भुगतान की सारी कार्रवाही हो चुकी है। लेकिन बजट के आभाव में भुगतान नहीं हो पा रहा है। अगर एक दो महीने यही हाल रहा तो गरीब छात्र-छात्राओं को अपने खर्च पर बाहर जाकर खाना पड़ेगा।
छात्रावास में भोजन उपलब्ध कराने वाले संजय गौतम ने बताया कि उन्हें शासन प्रशासन से समय पर राशि उपलब्ध नहीं होती है और विगत अप्रैल मई महीने से राशि नहीं मिली है। जिसके कारण छात्रों को भोजन उपलब्ध कराने में वह असमर्थ हैं। इतना ही नहीं उनके द्वारा कई बार राशन और किराना दुकान से उधार सामान लेकर छात्रों को भोजन उपलब्ध कराया गया, और कई बार तो उधार पैसे लेकर खाने की व्यवस्था करनी पड़ती है।

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