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बंगाल,दिल्ली से खारिज कर दिए गए हैं विजयवर्गीय, इंदौर में भी जनता नकार देगी – सुरजेवाला

इंदौर – कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘कैलाश विजयवर्गीय बंगाल से खारिज होकर आए। दिल्ली से भी खारिज हो गए। अब इंदौर की जनता भी खारिज कर देगी। वो ऊल-जलूल बयान देते हैं, उनके बयान उनको मुबारक।’ दरअसल, विजयवर्गीय ने कांग्रेस को सनातन विरोधी बताया था, इसी को लेकर सुरजेवाला ने बुधवार को इंदौर में पलटवार किया।
उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जातिगत जनगणना को लेकर कहा, ‘मोदी जी भटकते बहुत हैं और भटकाते भी बहुत हैं। इधर-उधर की बात ना करें, हमको तो डायरेक्ट यह बताएं कि जातिगत जनगणना चाहते हैं कि नहीं।’

शिवराज जातिगत जनगणना पर क्यों नहीं बोल रहे

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह चौहान घबराए हुए हैं। जातिगत जनगणना के मुद्दे पर क्यों कुछ नहीं बोल रहे हैं। ऐसी स्थिति में शिवराज को इस्तीफा दे देना चाहिए। मध्यप्रदेश में बीजेपी ने पिछड़े के आरक्षण को सिरे से खारिज कर रखा है। भाजपा के डीएनए में ओबीसी विरोध है। मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरी बेची जाती है। कांग्रेस सामाजिक परिवर्तन के लिए एमपी के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी सत्ता पर काबिज होना चाहती है। चोरी की सरकार बनाने वालों और मंडी लगाकर विधायक खरीदने वालों को जनता इस बार सत्ता से बाहर कर देगी।
बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर सुरजेवाला का कहना है कि हमें गर्व है कि राहुल गांधी वो राजनीतिक व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने आगे बढ़कर सामाजिक बदलाव की क्रांति का बिगुल बजाया है। पिछड़े वर्गों, दलितों, आदिवासियों और गरीबों को उनका अधिकार देना होगा। यही सामाजिक समरसता का सूत्र है।
बिहार की सरकार ने ये कर दिखाया है। दुर्भाग्यवश भाजपा व मोदी सरकार जातिगत जनगणना के विरोध में खड़ी है, क्योंकि भाजपा जानती है कि अगर इन वर्गों को अपनी ताकत की सच्चाई पता चल गई तो शासन, सरकार, सत्ता और संसाधनों में अपनी हिस्सेदारी मांगेंगे।

भाजपा नहीं चाहती OBC को उनका अधिकार मिले

सुरजेवाला ने कहा, भाजपा और मोदी सरकार नहीं चाहती कि OBC को संख्या बल के आधार पर उनका अधिकार मिले। वे नहीं चाहते कि दलित व आदिवासी देश के संसाधनों व निर्णयों में बराबरी की भागीदारी से मालिक बन जाएं। इसका सबूत ये है कि भारत सरकार में मोदी सरकार के पूर्वाग्रह के चलते OBC समाज, दलित व आदिवासी समाज के सचिवों को योग्य न मान कर बाहर रखा जाता है। यही भारत सरकार के सचिव देश का बजट भी चलाते हैं और पॉलिसी भी बनाते हैं। तो फिर गरीबों को उनका अधिकार कैसे मिले? पर भाजपाई जान लें, सामाजिक क्रांति का ये रथ अब नहीं रुकेगा। अब शोषित, वंचित व पिछड़े वर्ग जाग चुके हैं। बदलाव होकर रहेगा।

जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सांप सूंघ गया…

सुरजेवाला ने कहा कि नरेंद्र मोदी सहित पूरी भारतीय जनता पार्टी आज ‘जातिगत जनगणना के घोर विरोध में खड़ी हैं। खुद नरेंद्र मोदी ने ग्वालियर में जातियों की गणना को ‘पाप’ करार दे दिया। मोदी के चहेते केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तो एक कदम और आगे बढ़ गए। उन्होंने जातिगत जनगणना को भ्रम फैलाने के अलावा कुछ नहीं करार दे डाला है। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान और भाजपा नेतृत्व को जातिगत जनगणना के मुद्दे पर सांप सूंघ गया है। कड़वा सत्य यह है कि भाजपाई जातिगत जनगणना के घोर विरोधी हैं। उनका यह पूर्वाग्रह इस भय से संचालित है कि अगर OBC, दलितों, आदिवासियों की असली संख्या उन्हें मालूम चल गई, तो वो उनका दमन नहीं कर पाएंगे।

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