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इंदौर में छात्र नेताओं को पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा

DAVV का घेराव करने पहुंचे थे; झड़प में 20 से ज्यादा घायल

इंदौर – इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के बाहर स्टूडेंट्स ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। ये स्टूडेंट्स कोर्स पूरा होने के बाद 10 दिन के अंदर डिग्री देने समेत 11 सूत्रीय मांगों को लेकर यूनिवर्सिटी का घेराव करने और कुलपति को ज्ञापन देने पहुंचे थे। पुलिस ने इन्हें मेन गेट पर ही रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स पर चढ़ने लगे।
हंगामा बढ़ते देख पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। आखिर में वाटर कैनन का इस्तेमाल कर स्टूडेंट्स को खदेड़ दिया गया। 20 से ज्यादा छात्रों को चोटें भी आईं। पुलिस ने NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे समेत 50 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, सभी को जिला जेल से मुचलके पर छोड़ दिया गया।
विरोध प्रदर्शन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के बैनर तले किया गया। इसमें यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों के छात्र आस-पास के जिलों से भी आए थे।

एग्जाम लेट करने और छात्रों को फेल करने का आरोप

NSUI नेताओं का आरोप है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की वजह से एग्जाम लेट हुए। 10 हजार छात्र-छात्राओं को एमबीए परीक्षा में फेल कर दिया गया। शिक्षकों की ड्यूटी राजनीतिक कार्यक्रमों में लगा दी जाती है। एक से अधिक विषय में एटीकेटी देने के साथ सीईटी परीक्षाओं में धांधली की जा रही है।
ज्ञापन देने और घेराव कार्यक्रम की सूचना स्थानीय पुलिस के पास थी। इसके चलते यूनिवर्सिटी परिसर में सुबह से ही भारी पुलिस बल पहुंच गया था। उच्च अधिकारियों ने किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पुलिस को पूरी तैयारी रखने के निर्देश दिए थे।

प्रमुख मांगें, जिनको लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे छात्र

एग्जाम टाइम टेबल का सही ढंग से पालन नहीं होना।
समय पर एग्जाम नहीं होने के कारण 3 वर्ष का कोर्स 5 वर्ष में पूरा होना।
रिजल्ट में गड़बड़ियां होने से छात्रों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
कोर्स पूरा होने के बाद 10 दिन के अंदर डिग्री और ओरिजिनल मार्कशीट दी जाए।
विश्वविद्यालय में खाली पदों पर कर्मचारियों की भर्ती की जाए।
खंडवा रोड यूनिवर्सिटी कैंपस और आईटी कैंपस में Lab, Workshop सहित अन्य विभागों की बिल्डिंग की मरम्मत की जाए।
बाहर से पढ़ने आने वाले छात्रों के लिए हॉस्टल की उचित व्यवस्था की जाए।
CET परीक्षा की लेट लतीफी से कई छात्रों को प्राइवेट कॉलेजों में प्रवेश लेना पड़ा।
रिव्यू एंड रिवेल्यूएशन फॉर्म की फीस कम की जाए।
दूर-दराज से आने वाले छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी में एमपी ऑनलाइन की

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