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कांग्रेस का दावा- महुआ को निशाना बनाने की हो रही साजिश

आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा की मांग

नई दिल्ली – कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वह ‘नकदी के बदले सवाल’ मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएम) की सांसद महुआ मोइत्रा को निलंबित या निष्कासित करने के लिए संसद में लाए जाने वाले किसी भी प्रस्ताव का विरोध करेगी। पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि मोइत्रा को परेशान करने और निशाना बनाने के लिए ‘राजनीतिक साजिश’ रची जा रही है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का रुख लोकसभा में उनके नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट कर दिया था। जिन्होंने आचार समिति की रिपोर्ट मीडिया में लीक होने पर विरोध जताते हुए स्पीकर को एक विस्तृत पत्र लिखा था। रमेश ने कहा, ‘हमारी बिल्कुल स्पष्ट मानना है कि यह महुआ मोइत्रा को परेशान करने, निशाना बनाने की राजनीतिक साजिश है। हम उन्हें निलंबित या निष्कासित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जाने वाले किसी भी कदम का विरोध करेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘सरकार को उन्हें निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश करना होगा और हम इसका विरोध करेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस इस मुद्दे पर सदन में चर्चा चाहती है, रमेश ने कहा, ‘हम निश्चित तौर पर आचार समिति की रिपोर्ट पर चर्चा चाहते हैं। हम चाहते हैं कि मोइत्रा को उनके खिलाफ लगाए गए विभिन्न आरोपों का जवाब देने का मौका दिया जाए।’
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सोमवार सुबह विपक्षी खेमे के समान विचारधारा वाले दलों की बैठक के दौरान यह मुद्दा उठा। वहां मौजूद सभी लोगों ने प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया। उन्होंने आचार समिति के कामकाज और उसकी रिपोर्ट पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस मोइत्रा के समर्थन में मजबूती से सामने आई है। जिनके सदन से निष्कासन की सिफारिश आचार समिति ने की है।
अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा था कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता को संसद से निष्कासित करना एक ‘अत्यंत गंभीर सजा’ होगी, जिसके ‘बहुत व्यापक परिणाम’ होंगे। स्पीकर को लिखे अपने चार पन्नों के पत्र में चौधरी ने संसदीय समितियों के नियमों और प्रक्रियाओं पर फिर से विचार करने की मांग की और कहा कि विशेषाधिकार समिति और आचार समिति के लिए परिकल्पित भूमिकाओं में कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है, विशेष रूप से दंडात्मक शक्तियों का इस्तेमाल करने पर।
चौधरी ने पत्र में कहा, ‘अगर महुआ मोइत्रा को संसद से निष्कासित करने की सिफारिश करने के लिए आचार समिति की सिफारिशों पर मीडिया रिपोर्ट सही है, तो यह शायद लोकसभा की आचार समिति की पहली ऐसी सिफारिश होगी। आप सहमत होंगे कि संसद से निष्कासन एक अत्यंत गंभीर सजा है और इसके व्यापक प्रभाव होंगे।’ लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि वह निजी तौर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे हैं।

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