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‘द केरल स्टोरी’ विवाद पर बोले दिग्विजय सिंह- झूठी फिल्में बनाने से क्या मतलब

उद्देश्य है वह भी नजर आता है – दिग्विजय सिंह

भोपाल – लव जिहाद और आतंकवाद पर बनी फिल्म ”द केरला स्टोरी” को लेकर मप्र में भी सियासत लगातार जारी है। मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस फिल्म के बहाने बीजेपी नेताओं और शिवराज सरकार पर हमला बोला। वहीं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस फिल्म पर पश्चिम बंगाल में बैन लगाने पर ममता बनर्जी को घेरा।
भोपाल के अयोध्या बायपास इलाके में कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अब्बास हफीज के सीएनजी पंप का उद्घाटन करने पहुंचे पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने द केरला स्टोरी को लेकर कहा- बात ये है कि फिल्म बनाने वालों ने कहा की 32 हजार लड़कियों का धर्म परिवर्तन हुआ,और उनको आईएसआईएस में एंगेज किया गया। सही कितना निकला तीन! तो ऐसे झूठी फिल्में बनाने से मतलब क्या है? इसी तरह से कश्मीर फाइल्स भी बनी थी। और जब पूरी सरकार किसी फिल्म के प्रमोशन में लग जाती है तो उसका जो राजनीतिक उद्देश्य है वह भी नजर आता है। टैक्स फ्री करने पर दिग्विजय सिंह बोले- जो करना है करें, जनता ने उन्हें चुना है। उन्होंने सरकार खरीदी है।

बजरंग दल के विरोध पर दिग्विजय सिंह ने कहा- बजरंग पूनिया बेचारा, जिससे देश को सम्मान दिलाया। वह बजरंग पुनिया पहलवान वहां हड़ताल कर रहा है। उसकी चिंता नहीं है। बात यह है कि इनके पास हिंदू-मुसलमान करने के अलावा कुछ नहीं है। और मैं तो कहता हूं कि जो रिप्रेजेंटेटिव ऑफ पीपुल्स एक्ट है उसमें साफ लिखा है कि कोई भी व्यक्ति वोट मांगने के लिए धर्म का प्रचार नहीं करेगा। यहां प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं कि बटन दबाओ जय बजरंगबली बोलकर… यह तो स्पष्ट तौर पर कानून का उल्लंघन है। और मॉडल कोड आफ कंडक्ट का भी उल्लंघन है। जो सोनिया जी ने अपना बयान दिया उसमें कहीं कोई बात नहीं थी। बाबा साहब अंबेडकर का कॉन्स्टिट्यूशल असेंबली में रिप्लाई देख लीजिए। आप जहां उन्होंने हर राज्य को अधिकार दिया है अपना कानून बनाने का। अपना नियम बनाने का, अपनी योजना बनाने का। और उसमें सोवेरन वर्ड का उपयोग किया। तो जिस प्रकार का आरोप लगाया जा रहा है कि भारत को तोड़ा जा रहा है। यह सब पूरा चुनावी माहौल को बिगाड़ने का प्रयास है। मैं तो कहता हूं कि नरेंद्र मोदी ने जिस प्रकार से भारतीय संविधान के जो प्रावधान हैं उसी का मखौल उड़ाते हुए जो आरोप लगाया है उन पर क्यों नहीं कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए?

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