You are here
Home > Uncategorized > शिवसेना की राजनीतिक उठापटक और सत्ता परिवर्तन को लेकर फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट

शिवसेना की राजनीतिक उठापटक और सत्ता परिवर्तन को लेकर फैसला सुना सकता है सुप्रीम कोर्ट

शिंदे सरकार पर लटक सकती है तलवार

नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को महाराष्ट्र में शिवसेना की राजनीतिक उठापटक और सत्ता परिवर्तन को लेकर फैसला सुना सकता है। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की विभिन्न याचिकाओं पर फैसला होना है। कोर्ट की संवैधानिक पीठ इस मामले कि सुनवाई कर रही थी। इस संवैधानिक पीठ में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस पीएस नरसिम्हा शामिल हैं।
इस मामले में पीठ ने विभिन्न याचिकाओं पर 17 फरवरी से सुनवाई शुरू की थी। 16 मार्च को सभी पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट की ओर से वरिष्ठ वकील नीरज किशन कौल, हरीश साल्वे, महेश जेठमलानी और अभिकल्प प्रताप सिंह ने दलीलें पेश की थीं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मामले में राज्यपाल ऑफिस की पैरवी की।
वहीं उद्धव गुट कि तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी, देवदत्त कामत और अधिवक्ता अमित आनंद तिवारी ने दलीलें पेश कीं।
उद्धव गुट ने मांग की थी कि राज्यपाल के फ्लोर टेस्ट करने के आदेश को रद्द किया जाए। राज्यपाल का जून 2022 का फैसला लोकतंत्र के लिए खतरनाक है और यह देश कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए घातक है। इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि गवर्नर अपने ऑफिस का इस्तेमाल किसी खास नतीजे के लिए नहीं होने दे सकता है। उद्धव ठाकरे खेमे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि विधायिका और राजनीतिक दल के बीच संबंधों में राजनीतिक दल की प्रधानता होती है। सिब्बल ने तर्क दिया कि संविधान किसी भी गुट को मान्यता नहीं देता है चाहे बहुमत हो या अल्पमत। सिब्बल ने आगे तर्क दिया कि असहमति सदन के बाहर थी सदन के अंदर नहीं।

Top