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हेटस्पीच केस में आजम खान को 2 साल की सजा

CM योगी के खिलाफ लोकसभा चुनाव में की थी टिप्पणी

रामपुर – 2019 के हेटस्पीच मामले में सपा नेता आजम खान को 2 साल की सजा सुनाई गई है। शनिवार को रामपुर की MP-MLA कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। आजम ने लोकसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में CM-DM पर आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थीं। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।
इस पर भाजपाइयों ने जमकर हंगामा किया था। इसके बाद ADO पंचायत अनिल कुमार चौहान ने थाना शहजाद नगर में केस दर्ज कराया था। अनिल ने आचार संहिता के लागू होने के बावजूद आजम पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया था। आजम खान पर 3 धाराओं में केस दर्ज हुआ था।
अभियोजन पक्ष के सहायक अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने कहा, “आजम को 3 धाराओं में सजा सुनाई गई है। दो धाराओं में 2-2 साल की सजा सुनाई है। जबकि 1 धारा में 1 महीने की सजा सुनाई गई है। आजम ने मुख्यमंत्री और तत्कालीन डीएम के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया था।”

जिस केस में आजम की विधायकी गई, उसी में हुए थे बरी

इससे पहले 25 मई को हेटस्पीच के एक दूसरे केस में आजम खान को बड़ी राहत मिली थी। 2019 में पीएम पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में रामपुर की स्पेशल MP/MLA कोर्ट ने आजम को बरी कर दिया था। आजम को इसी केस में MP/MLA कोर्ट की निचली अदालत से 3 साल की सजा हुई थी। सजा के बाद उनकी विधायकी चली गई थी। इसके बाद इस सीट पर उप चुनाव हुआ, जिसमें आजम पर केस करने वाले भाजपा नेता आकाश सक्सेना विधायक चुने गए थे।

2008 में सरकारी काम में बाधा डालने को लेकर हुई थी सजा

इससे पहले 14 साल पुराने मामले में आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को मुरादाबाद की MP-MLA कोर्ट ने 2-2 साल की सजा सुनाई थी। दरअसल, हरिद्वार हाईवे पर मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने 2 जनवरी 2008 को मुरादाबाद के तत्कालीन SSP प्रेम प्रकाश ने पूर्व मंत्री आजम खान की गाड़ी चेकिंग के लिए रुकवाई थी।
इसके बाद उन्होंने आजम की गाड़ी पर लगा हूटर भी उतरवा दिया था। इस बात को लेकर विवाद बढ़ गया था। आजम खान वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गए थे। आस-पास के जिलों से भी सपा के नेता और कार्यकर्ता छजलैट पहुंच गए थे। तब आजम समेत दूसरे सपा नेताओं पर सरकारी कार्य में बाधा डालने, भीड़ को उकसाने, बवाल कराने समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

27 महीने तक जेल में रहे थे आजम

आजम खान अलग-अलग मामलों में 27 महीने तक जेल में रहे। उन्हें 19 मई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 20 मई की सुबह वह सीतापुर जिला जेल से रिहा हुए थे। इस दौरान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, अदीब आजम और सपा नेता शिवपाल यादव भी मौजूद थे।
आजम के ड्रीम प्रोजेक्ट जौहर यूनिवर्सिटी पर भी सवाल उठते रहे हैं। आरोप है कि जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिए आजम ने अपने रसूख का गलत इस्तेमाल किया। आजम रामपुर विधानसभा सीट से 10 बार विधायक रह चुके हैं।

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