मप्र के बासमती चावल को अब तक क्यों नहीं मिला जियो टेग: कमलनाथ Uncategorized by mpeditor - May 2, 2023May 2, 20230 यूपीए सरकार में धरने पर बैठने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्यों हैं खामोश: कमलनाथ भोपाल – प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने बीते दिनों ट्विटर पर मप्र के कई उत्पादों के जिओेग्राफिकल इंडिकेशन टेग के हासिल होने का जिक्र किया। मगर दुर्भाग्य है कि वे मप्र के 14 जिलों गुना, विदिशा, रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, मुरैना, भिण्ड, ग्वालियर, श्योपुर, दतिया, शिवपुरी, जबलपुर, नरसिंहपुर और हरदा में उत्पादित होने वाले बासमती चावल के जिओेग्राफिकल इंडिकेशन रजिस्ट्रेशन को भूल गये।श्री नाथ ने कहा कि मप्र का दुर्भाग्य है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ज्यादातर मुद्दे सिर्फ अवसरवादी राजनीति से प्रेरित होते हैं। शिवराज सिंह चौहान फरवरी 2014 में मप्र के बासमती चावल को जिओेग्राफिकल इंडिकेशन का टेग नहीं मिलने को लेकर तत्कालीन केंद्र की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मंत्रिमण्डल सहित धरने पर बैठे थे और मप्र से सौतेले व्यवहार का आरोप लगा रहे थे। मगर मई 2014 में जब से मोदी सरकार बनी, तब से उन्होंने इस मुद्दे पर मौन साध लिया।कमलनाथ ने कहा कि वर्ष 2020 में भी जब शिवराज सिंह चौहान जी को उनको इस संदर्भ में याद दिलाया गया कि अब केंद्र में भी सरकार आपकी ही है और देश के कृषि मंत्री मप्र से ही हैं, तब भी आप मप्र के बासमती चावल की पहचान के लिए कोई प्रयत्न क्यों नहीं करते। मगर विडंबना देखित कि 7 अगस्त 2020 को शिवराज जी ने श्रीमती सोनिया गांधी जी को पत्र लिखा और जीआई टेग के न मिलने की अपनी नाकामी को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर ढोल दिया। जबकि यह निर्णय तब भी मोदी सरकार को ही लेना था।कमलनाथ ने कहा कि आज लगभग 9 वर्ष बीत जाने के बाद भी मप्र के बासमती चावल का उत्पादन करने वाले किसानों को जिओेग्राफिकल इंडिकेशन की पहचान नहीं मिल पायी है। मप्र की भाजपा सरकार न किसानों का बकाया ऋण माफ कर रही है और न ही अतिवृष्टि से प्रभावित तीस से अधिक जिलों के किसानों को उचित मुआवजा दिया गया है, न ही समर्थन मूल्य पर खरीदे गये अनाज का समय पर भुगतान किया जा रहा है।