कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से पूछे मध्यप्रदेश से जुड़े तीन सवाल Uncategorized by mpeditor - April 14, 2024April 14, 20240 कहा-दलितों पर क्यों हो रहे अत्याचार नई दिल्ली – लोकसभा चुनाव में बढ़ती सरगर्मी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मध्य प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी रविवार को भी मध्य प्रदेश के दौरे पर थे, जिसे लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मध्य प्रदेश दौरे पर एमपी से जुड़े तीन सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री मध्य प्रदेश जा रहे हैं। ये हैं उनसे आज के हमारे तीन सवाल… जयराम रमेश ने पहला सवाल पूछते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 11 अक्टूबर, 2022 को 850 करोड़ के महाकाल लोक कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। इतनी अधिक लागत के बावजूद, मई 2023 में सप्तर्षियों की सात “मूर्तियों” में से छह केवल कुछ देर के लिए आए तूफान में टूट गईं। पूर्व की कांग्रेस सरकार ने इस योजना के लिए 350 करोड़ रुपए की मंजूरी दी थी लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद लागत बढ़कर 850 करोड़ रुपए हो गई। फिर भी यह प्रोजेक्ट एक तूफ़ान का भी सामना नहीं कर पाया। मध्यप्रदेश की सरकार के लोकायुक्त ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। इस घटना को अब लगभग 10 महीने बीत चुके हैं। लोकायुक्त जांच का क्या हुआ? किसी को ज़िम्मेदार क्यों नहीं ठहराया गया? क्या प्रधानमंत्री मोदी एक बार फ़िर भाजपा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को दबा रहे हैं? दूसरा सवाल उठाते हुए जयराम रमेश ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में दलितों के ख़िलाफ़ अपराध दर देश में सबसे अधिक है। 2021 में (जिसका सबसे ताज़ा डेटा उपलब्ध है), अनुसूचित जाति के ख़िलाफ़ अपराध दर 63.6 थी, जबकि राष्ट्रीय औसत 25.3 है। राज्य में 2019 और 2020 में भी दलितों के ख़िलाफ़ उच्च अपराध दर थी – राष्ट्रीय औसत 22.8 और 25 के मुक़ाबले क्रमशः 46.7 और 60.8। दरअसल, दलितों के ख़िलाफ़ अपराध की दर साल-दर-साल बढ़ी है। मध्य प्रदेश में भाजपा लगभग दो दशक से अधिक समय से सत्ता में है। ऐसा क्यों है कि दलितों को अपनी सुरक्षा को लेकर डर बढ़ रहा है? क्या प्रधानमंत्री मोदी को उन अनगिनत अत्याचारों पर कोई शर्म महसूस नहीं होती जो उनके सत्ता में रहते दलितों ने सहे हैं? तीसरे सवाल को लेकर जयराम रमेश ने कहा कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारें भारतीय इतिहास की सबसे ज़्यादा आदिवासी विरोधी सरकारों में से एक रही हैं। उन्होंने उस क्षेत्र के लगभग दसवें हिस्से को मान्यता दी है, जितना सामुदायिक वन अधिकार (सीएफआर) के तहत दिए जा सकते हैं। ऐसा होने से आदिवासी समुदायों को आर्थिक कठिनाई और तरह-तरह के नुक़सान का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय आदिवासी समुदायों के लगातार विरोध के बावजूद, 900 से अधिक ‘वन गांव’, कहीं अधिक स्वतंत्रता वाले नियमित ‘राजस्व गांव’ होने के बजाय, वन विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में बने हुए हैं। एफआरए को लागू करने में अनिच्छा के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार ने भारत के किसी भी अन्य राज्य की तुलना में अधिक एफआरए आवेदनों को ख़ारिज़ किया। आदिवासी समुदायों को न्याय देने के मामले में अपनी पार्टी के ख़राब ट्रैक रिकॉर्ड पर प्रधानमंत्री क्या कहेंगे?