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एसीबी द्वारा आरोपी संजय जैन को अदालत में पेश किया गया, कोर्ट ने 4 दिन की रिमांड पर भेजा

गुरुवार को भी एसीबी ने संजय जैन को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया था, एसीबी के डीजी आलोक त्रिपाठी ने की थी संजय जैन से पूछताछ।

विधायक खरीद-फरोख्त मामले में शुक्रवार को एसीबी ने आरोपी संजय जैन को कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट द्वारा संजय जैन को 4 दिन की रिमांड पर भेज दिया गया है। अब एसीबी आरोपी से 4 दिन तक पूछताछ करेगी। गौरतलब है कि संजय जैन के खिलाफ एसीबी में मामला दर्ज है। एक दिन पहले गुरुवार को भी एसीबी ने संजय जैन को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे एसीबी ऑफिस लाया गया था। एसीबी डीजी आलोक त्रिपाठी ने बताया कि वो फिलहाल संजय जैन से पूछताछ कर रहे हैं, संजय से वायरल ऑडियो के बारे में भी जानकारी ली जा रही है।

मानेसर पहुंची एसीबी टीम के होटल के बाहर रोक दिया गया था

करीब 6 दिन पहले पूरे मामले में एसीबी की टीम मानेसर के आईटीसी ग्रांड होटल भी पहुंची थी, जहां एसीबी की टीम को विधायक नहीं मिले थे। इस दौरान होटल के रजिस्टर की भी जांच की गई थी। इसमें टीम को कोई एंट्री नहीं मिली थी। इसके बाद टीम होटल वेस्टर्न पहुंची थी, जहां एसीबी की टीम को अंदर नहीं जाने दिया गया। इसके बाद होटल प्रबंधन को पत्र भेजा तो मैनेजर ने बताया कि यहां कोई विधायक नहीं है।

एसओजी ने कोर्ट में कहा- यह राजद्रोह का केस नहीं है, एफआईआर से धारा 124-ए हटाई

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने मंगलवार को हाईकोर्ट में विधायक भंवरलाल शर्मा की ओर से दायर याचिका पर कहा था कि विधायकों की खरीद-फरोख्त केस में राजद्रोह का मामला नहीं बनता है। ऐसे में विधिक विशेषज्ञों की राय लेकर पिछले दिनों एसओजी में दर्ज हुए तीनों मामलों से धारा 124-ए हटा ली गई है।

धारा 124-ए हटी तो 120-बी कहां टिकेगी

एसओजी ने सरकार गिराने की साजिश मानते हुए राजद्रोह की धारा 124-ए और 120-बी में तीनों केस दर्ज किए थे। अधिवक्ता महावीर सिंह ने बताया कि एसओजी ने राजद्रोह की धारा नहीं मानी इसलिए षड्यंत्र में शामिल करने वाली 120-बी भी नहीं टिकती। 120-बी मूल धारा के साथ ही मानी जाती है, अब जब मूल धारा ही नहीं है तो इसका भी कोई अर्थ नहीं रह जाता।

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