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प्रोटेस्ट केस-कर्नाटक CM सिद्धारमैया के खिलाफ कार्यवाही पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने CM से पूछा- नेता को प्रदर्शन की इजाजत मिले, आम आदमी को नहीं?

नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विरोध प्रदर्शन मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले पर भी रोक लगा दी, जिसमें सिद्धारमैया, कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला और अन्य नेताओं को 10 हजार रुपए जुर्माना भरने और 26 फरवरी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिया था।

पहले जानिए क्या है पूरा मामला…

सिद्धारमैया के खिलाफ यह केस 2022 में दर्ज किया गया था। तब सिद्धारमैया तत्कालीन मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के आवास के बाहर धरना देने पहुंच थे। सिद्धारमैया ने तब के ग्रामीण विकास मंत्री के ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग को लेकर बसवराज के घर का घेराव किया था। पुलिस ने सिद्धारमैया और दूसरे नेताओं के खिलाफ सड़क ब्लॉक करने और आम लोगों को तकलीफ पहुंचाने का क्रिमिनल केस दर्ज किया था।
सिद्धारमैया की दलील: जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच के सामने सिद्धारमैया की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “यह के राजनीतिक प्रदर्शन था। ऐसे प्रदर्शन पर क्रिमिनल केस दर्ज किया जाना राइट टू प्रोटेस्ट का उल्लंघन है। बिना किसी आपराधिक भावना के किए गए शांतिपूर्ण प्रदर्शन को क्रिमिनल केस दर्ज कर दबाया नहीं जा सकता है। पॉलिटिकल प्रोटेस्ट को अलग नजरिए से देखना चाहिए।”
सुप्रीम कोर्ट के सवाल: सिंघवी की दलील पर जस्टिस प्रशांत कुमार ने पूछा, “आप दलील दे रहे हैं कि अगर राजनेता प्रोटेस्ट कर रहा है तो उसे इजाजत दी जानी चाहिए। अगर आम आदमी ऐसा करे तो उसे इजाजत नहीं दी जानी चाहिए?
बेंच ने यह भी कहा- सिर्फ इस बात पर क्रिमिनल केस कैसे खारिज कर दें कि ये प्रोटेस्ट एक राजनेता ने किया है? क्या आपने प्रदर्शन के लिए इजाजत मांगी थी। आपने इजाजत नहीं मांगी थी। एक सुबह आप उठे और हजारों की संख्या में इकट्ठा हो गए। आपने कहा कि हमें कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि हम प्रदर्शन कर रहे हैं?”
14 अप्रैल 2022 को सिद्धारमैया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता सीएम बसवराज बोम्मई के आवास के बाहर सड़कों पर जमा हो गए थे। भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों और एक कॉन्ट्रेक्टर की खुदकुशी के बाद कांग्रेस नेताओं ने मंत्री के ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग की थी। पुलिस ने क्रिमिनल केस दर्ज किया था और कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि ये केस बदले की भावना से दर्ज किया गया है।

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