कांग्रेस का वचन पत्र- कर्मचारियों को वेतनवृद्धि के साथ महंगाई भत्ता भी मिलेगा, जिस पर शिवराज सरकार ने रोक लगा रखी है News Politics by mpeditor - October 27, 2020October 27, 20200 कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदत्त महंगाई भत्ता पर शिवराज सरकार ने आते ही रोक दिया और इसके साथ-साथ कर्मचारियों को मिलने वाली वेतनवृद्धि भी रोक दी है, कांग्रेस सरकार बनने पर महंगाई भत्ता एवं वेतनवृद्धि तत्काल देंगे। यह वादा कमलनाथ द्वारा मध्यप्रदेश उपचुनाव में दिया गया है, सरकारी कर्मचारियों को। लॉक डाउन के नाम पर शिवराज सिंह सरकार ने मध्यप्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को करारा झटका दिया है। मार्च के वेतन में मिलने वाला महंगाई भत्ता रोक दिया गया है। इस महीने कर्मचारियों को 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिलने वाला था। मध्य प्रदेश शासन के वित्त विभाग द्वारा दिनांक 1 अप्रैल 2020 की तारीख में अजय चौबे उप सचिव के हस्ताक्षर से जारी आदेश के अनुसार वित्त विभाग द्वारा 16 मार्च 2020 को जारी किए गए आदेश के पालन पर आगामी आदेश तक के लिए स्थगन लगा दिया गया है। 16 मार्च को जारी आदेश के अनुसार मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में 1 जुलाई 2019 से वृद्धि कर छठवें एवं सातवें वेतनमान में क्रमशः 164% व 17% महंगाई भत्ते की दर निर्धारित की गई थी। इस महंगाई भत्ते का भुगतान मार्च 2020 के वेतन में किया जाना था। नवीन आदेश में एरियर के बारे में सरकार ने अभी कोई फैसला नहीं किया है। महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त से वंचित कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि पर भी असमंजस है। इस वजह से कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ गई है। पूर्व से कर्मचारियों को 4 फीसद बढ़ा महंगाई भत्ता पहले ही नहीं मिला है। जबकि, मई में मिलने वाले सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त भी अटकी हुई है। अब जुलाई 2020 के वेतन में होने वाली वार्षिक वेतन वृद्घि को लेकर अभी तक शासन के कोई दिशा-निर्देश नहीं आने से कर्मचारियों में चिंता है। कर्मचारियों ने बताया कि जुलाई 2019 से 4 फीसद महंगाई भत्ते का लाभ मिलना था, जिसे स्थगित कर दिया है। मई 2020 के वेतन में सातवें वेतनमान की तीसरी किश्त का लाभ मिलना था, वह भी कर्मचारियों को नहीं दिया गया। जून 2021 तक किसी भी तरह के महंगाई भत्ते का लाभ रोका है। यह सब शिवराज सिंह ने किया है क्योंकि कमलनाथ वेतनतृद्धि और महंगाई भत्ता की पूर्ण व्यवस्था कर गये थे। जबकि, सभी काम हो रहे हैं, कर्मचारी भी जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। फिर भी उनकी चिंता नहीं की जा रही है। वहीं, दूसरे कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि हर साल कर्मचारियों की औसतन 3 फीसद वेतन वृद्घि होती है, यह प्रक्रिया जुलाई के पहले शुरू हो जाती है और अगस्त में मिलने वाले जुलाई माह के वेतन में लाभ मिलता है, जिसका ठिकाना नहीं है। ऐसे में शिवराज के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गया है, यह मुद्दा। साथ में कमलनाथ ने वचन पत्र के द्वारा संदेश दिया है कि उनकी सरकार बनी तो वह प्रस्तावित दरों पर महंगाई भत्ता और वेतनवृद्धि करेंगे।