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बीमार अस्पताल: शाम की ओपीडी में नहीं आते डॉक्टर

बीमारी बताओ और स्टाफ से दवा ले जाओ

ग्वालियर – ग्वालियर संभागीय मुख्यालय होने के बाद भी यहां शाम की ओपीडी में डॉक्टर नहीं पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के चलते अस्पताल की व्यवस्थाएं ही बीमार चल रही हैं, जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ता है। स्थिति यह है कि सोमवार को शाम की ओपीडी में जिला अस्पताल में महज 7 डॉक्टर और सिविल अस्पताल हजीरा में 4 डॉक्टर ही बैठे थे। स्वास्थ्य विभाग जहां एक ओर लोगों से कहता है कि बिना डॉक्टर के दिखाए मेडिकल स्टोर से दवा नहीं लेनी चाहिए।
वहीं शाम 5:30 बजे डीडी नगर स्थित सरकारी अस्पताल में कोई भी डॉक्टर नहीं बैठा था। यहां नि:शुल्क दवा वितरण केंद्र पर बैठा स्टाफ आने वाले मरीज से परेशानी पूछकर खुद ही दवा देता मिला। यहां लैब भी बंद थी। अस्पताल में भर्ती मरीज स्टाफ के भरोसे थे। आदर्श नगर निवासी भंवर सिंह ने बताया कि वह दोपहर 2 बजे आए तो कह दिया था कि शाम 5 बजे आना। अब आया तो डॉक्टर ही नहीं है। दवा केंद्र पर बैठे स्टाफ ने दवा दे दी है। यह स्थिति तब है जब सिविल सर्जन, सीएमएचओ और का कार्यालय है।

सिविल अस्पताल हजीरा: इमरजेंसी सुविधा लेकिन शाम को एक्सरे तक नहीं होते

सिविल अस्पताल हजीरा में शाम 5:50 बजे की ओपीडी में सिर्फ 3 डॉक्टर थे। इस अस्पताल हजीरा में तीन थानों की एमएलसी होती है लेकिन यहां शाम को एक्सरे भी नहीं होते हैं। नियमानुसार जब शाम की ओपीडी चलती है तो जांच की सुविधा होनी चाहिए। इतना ही नहीं जहां एमएलसी हो रही हो वहां एक्सरे की सुविधा होनी होना चाहिए, लेकिन यहां ऐसा नहीं है। यहां जांच रिपोर्ट लेने के लिए मरीज इंतजार कर रहे थे।कुछ ने निजी सेंटर में एक्सरे मजबूरी में कराए।

जिला अस्पताल मुरार: मेडिसन कक्ष में ताला, सिर्फ 8 डॉक्टर ही ड्यूटी पर मिले

जिला अस्पताल मुरार में शाम 5:14 बजे स्थिति यह थी कि ओपीडी में सिर्फ 8 डॉक्टर थे। गायनिक के डॉक्टरों को छोड़कर 45 डॉक्टर पदस्थ हैं। मेडिसिन विभाग के कमरे में ताला लगा हुआ था। रेडियोलॉजिस्ट छुट्टी पर थे। ऑर्थोपेडिक में एक डॉक्टर था। शाम की ओपीडी में सीनियर डॉक्टर नहीं मिला। {जिम्मेदार: जिला अस्पताल की व्यवस्थाएं देखने की जिम्मेदारी सिविल सर्जन की होती है, लेकिन वह शाम की ओपीडी का निरीक्षण तक नहीं करते हैं।

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